सप्ताहांत: सेल्फ गोल-लापरवाही
स्वराज्य टाइम्स
ईरान ने अपनी इस गलती को मान लिया है कि यूक्रेन के जिस विमान में विस्फोट से 176 यात्रियों की मौत हो गई थी वह उस की ही गलती से क्रेश हुआ था। ईरान की मिसाइल ने ही ईरान के विमान को भूल से मार गिराया।
ईरान ने बड़ी आसानी से इसे भूल कह दिया, लेकिन 176 निर्दोष लोगों की जान क्या इतनी सस्ती है कि केवल ‘भूल’ कह कर अपने अक्षम्य अपराध पर पर्दा डाल दिया जाए, यह हत्या है, और इसकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
इससे पहले ईरान ने यूक्रेन का विमान गिराने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। ईरान की सरकार ने एक बयान में कनाडा की सरकार से अपनी खुफिया सूचना साझा करने को कहा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कहा है कि अनेक खुफिया जानकारी इस ओर इशारा कर रही हैं कि ईरान ने विमान को मार गिराया था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी कहा था कि अब ‘ऐसी जानकारी मिली है’ कि ईरान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ यूक्रेन का बोइंग 747 विमान ईरान की मिसाइल की चपेट में आया था। जॉनसन ने इस हादसे पर एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘‘ऐसी जानकारी है कि सतह से हवा में मार करने वाली ईरान की मिसाइल ने यह विमान गिराया है। यह हो सकता है कि ऐसा जानबूझ कर नहीं किया गया हो।’’ सोशल मीडिया में भी ऐसे अनेक वीडियो डाले गए हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि यह विमान को गिराए जाने के समय के है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि उसने एक वीडियो का सत्यापन किया जिसमें इस वीडियो में कोई वस्तु आकाश की तरफ उठती दिखाई दे रही है और इसके बाद इसका प्रकाश मद्धिम होता है और यह तेजी से आगे बढ़ती जाती है और कुछ सेकेंड के बाद तेज धमाके की आवाज सुनाई देती है। इतने सारे प्रमाणों के बाद ही ईरान ने स्वीकारोक्ति की।
यह तो बहुत बड़ी लापरवाही है। अपने रोजमर्रा के जीवन में भी हम लोग जाने-अनजाने में इसी प्रकार के छोटे-मोटे सेल्फ-गोल करते रहते हैं। इसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना भी कहते हैं। एक बार मैंने हवाई यात्रा की ऑनलाइन टिकिट बुक कराई, गलती से आने-जाने दोनों ओर में डेस्टिनेशन एक ही डाल दिया, टिकिट कैंसिल कराई तो छह हजार रुपए कट गए। अपने हाथ से की गई गलती से जब क्षति होती है तब बहुत दुख होता है। ऐसे ही सेल्फ-गोल राजनीतिक लोग तो अक्सर ही करते रहते हैं। हर पार्टी में ऐसे लोग हैं जो अपने बयानों से अपनी ही पार्टी का नुकसान करते हैं। कोंग्रेस में राहुल, थरूर, मणिशंकर, दिग्विजय सिंह जैसे लोग हैं तो भाजपा में प्रज्ञा, गिर्राज सिंह, सपा में आजम खाँ जैसे महानुभाव अपने सेल्फ गोल बयानों से अपनी ही पार्टी का नुकसान करलेते हैं।
कुल मिला कर बात यह है कि सतर्कता बहुत आवश्यक है, सावधानी हटी-दुर्घटना घटी की उक्ति जगह जगह लिखी मिलती है,लेकिन उस पर अमल बहुत कम किया जाता है। चाहे समाज हो, देश हो, राजनीति हो, व्यक्तिगत जीवन हो, हर क्षेत्र में सावधानी और सतर्कता अति आवश्यक है, वरना कब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए, कोई नहीं जानता,और जब वह अपने ही हाथों से हो या अपनी ही गलती से, तब प्रायश्चित करने से भी कोई क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती।
– सर्वज्ञ शेखर