जिसकी अंटी में पैसा है उसकी होली है
आज देश के विख्यात व आगरा नगर के लब्धप्रतिष्ठ कवियों व शायरों के साथ मंच साझा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अवसर था भारतीय नाट्य कला मंच द्वारा नागरी प्रचारिणी के मानस भवन में आयोजित होली मिलन समारोह व काव्य गोष्ठी का।
कार्यक्रम की अध्यक्षता की वरिष्ठ ग़ज़लकार, साहित्यकार डॉ त्रिमोहन तरल ने। मुख्य अतिथि थे प्रो. सोम ठाकुर। डॉ शशि तिवारी, अशोक रावत, राजकुमार रंजन, राजबहादुर राज, शिवशंकर शर्मा, सर्वज्ञ शेखर, संजीव गौतम, अनिल संघर्ष, विशाल रियाज़, नरेंद्र कुमार शर्मा, सुधांशु साहिल आदि ने काव्य पाठ किया।
संचालन किया रमेश पँडित ने। धन्यवाद ज्ञापन दिया वाई के सिंह ने। संयोजन किया कला मंच के महासचिव राजेश सिसौदिया व अभिषेक सिसौदिया ने। डॉ महेश धाकड़ व पूर्व बैंकर संजय गुप्त भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
गोष्ठी में अशोक रावत की गजल “तेरी होली और न अब ये मेरी होली है,जिसकी अंटी में पैसा है उसकी होली है।” ने समाँ बांध दिया तो राजबहादुर राज के होली गीत, डॉ शशि तिवारी की राधा कृष्ण की होली कविता ने तालियाँ बटोरी। डॉ तरल के होली गीत “सजनिया मार फाग की मार”, राजकुमार रंजन के गीत “होली प्रेम रस बरसाने का त्योहार व सर्वज्ञ शेखर की कविता”सबसे प्यारा रंग तिरंगा” ने भी श्रोताओं का मन मोह लिया।