सप्ताहांत: स्वदेशी सफलता का गौरवशाली दिन – 16 जनवरी
16 जनवरी से कोरोना की वैक्सीन लगाने के अभियान प्रारंभ हो गया है। आइए, हम सब इस स्वदेशी सफलता पर गर्व करें और सहर्ष इसका हिस्सा बनें। यह ऐसा ऐतिहासिक दिन है जब विश्व में भारत का मस्तक एक बार फिर उन्नत हुआ है।
यह कोरोना महामारी के अंत की शुरूआत है। वैक्सीन बनने की वैज्ञानिक प्रक्रिया, इसके प्रभाव, आम जनता तक इसकी पहुँच की अवधि आदि की जानकारी भले ही न हो, परँतु इसके स्वागत में जो माहौल बना है या बनाया गया है वह बहुत ही उत्साहजनक है। दिल्ली में पहला टीका एक सफाई कर्मचारी को लगा व एम्स के निदेशक डॉ गुलेरिया ने वैक्सीन लगवा कर संदेश दिया कि यह पूरी तरह सुरक्षित है।
दुनिया के इस सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को शुरू करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा था। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर यही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है। आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। कई और वैक्सीन पर भी काम तेज गति से चल रहा है। ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और भारत के टैलेंट का जीता जागता उदाहरण है। भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सबसे पहले कोविड 19 वैक्सीन हेल्थकेयर कर्मियों यानी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य से जुड़े लोगो को दी जाएगी, सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल को मिलकर इनकी संख्या 80 लाख से एक करोड़ बताई जा रही है। इनके बाद क़रीब दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी राज्य पुलिसकर्मियों, पैरामिलिटरी फ़ोर्सेस, फ़ौज, सैनिटाइजेशन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी।
इसके बाद 50 से ऊपर उम्र वालों और 50 से कम उम्र वाले उन लोगों को जो किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। भारत में ऐसे लोगों की तादात 27 करोड़ है। 50 साल से कम उम्र के वो लोग भी टीकाकरण अभियान में शामिल होंगे जिनमें कोरोना के सिमटम्स हों। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा है कि कोरोना का टीका लगवाना ऐच्छिक होगा। यानी सरकार किसी पर वैक्सीन लेने के लिए दबाव नहीं बनाएगी और टीका लगवाना या न लगवाना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा। वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क पहनने, फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने और हाथ धोने जैसी सावधानियों का पूरा ध्यान रखना होगा।
– सर्वज्ञ शेखर
स्वतंत्र लेखक, साहित्यकार
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The Glorious Day of Indigenous Success – January 16
The campaign to start the Corona vaccine has started on 16 January. Come, let us all be proud of this indigenous success and be glad to be a part of it. This is such a historic day when India’s head has once again advanced in the world.
This marks the beginning of the end of the Corona epidemic. Even though the scientific process of vaccine formation, its effects, duration of its access to the general public, etc. is not known, but the atmosphere created or created in its reception is very encouraging. In Delhi, the first vaccine was applied to a sweeper and Dr. Guleria, Director of AIIMS, got a vaccine and gave the message that it is completely safe.
Initiating this biggest vaccination campaign in the world, Prime Minister Narendra Modi said that the whole country was eagerly waiting for the present day. For how many months, in every house of the country, on the tongue of everyone, children, old people, this was the question that when will the corona vaccine come. Now the corona vaccine has arrived, in a very short time. Today, many of those scientists, who are involved in vaccine research, deserve praise, who had been involved in making vaccines against Corona for the past months. It usually takes years to make a vaccine. But in such a short time, not one, two Made in India vaccines are ready. Work on many more vaccines is also going on at a rapid pace. It is a living example of India’s strength, scientific skills and India’s talent. India’s vaccination campaign is based on very human and important principles. The person who needs it the most will get the corona vaccine first.
According to the protocol set by the Ministry of Health, the first Kovid 19 vaccine will be given to healthcare workers i.e. doctors, nurses, paramedics and people associated with health, all government and private hospitals together are being told the number of 80 lakh to one crore. After these, about two crore frontline workers i.e. state policemen, paramilitary forces, army, sanitation workers will be vaccinated.
After this, the vaccine will be given to those above 50 and those below 50 who are suffering from some serious disease. The number of such people in India is 27 crores. Those under 50 years of age will also participate in the vaccination campaign, which contains the corona symptoms. The Ministry of Health while answering some questions has said that getting corona vaccine would be optional. That is, the government will not pressurize anyone to take the vaccine and the vaccine or not to be vaccinated will depend on the will of the person. Even after the vaccine has to be used, precautions such as wearing masks, following the rules of physical distancing and washing hands.
– Sarwagya Shekhar