सप्ताहांत: बुरा जरूर मानो, होली है
“बुरा न मानो होली है” का उद्घोष कब शुरू हुआ, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। पर होली पर बुरा न मानो की बात दशकों से कही जा रही है। प्राचीन काल में मनोरंजन के साधन कम थे। विभिन्न पर्व, त्योहार आध्यात्मिक संस्कारों के प्रतीक तो होते ही थे, आमोद-प्रमोद, हास-परिहास का भी माध्यम होते थे। होली का पर्व ऐसा ही है जब बुरा न मानो के नाम पर हुल्लड़बाजी, फूहड़ता, महिलाओ के प्रति अभद्रता, रिश्ते नातों की मर्यादा का उल्लंघन सर्वाधिक होता है। हमारा उद्देश्य धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं है। होलिका दहन व रंग गुलाल लगा कर सद्भाव प्रकट करना पर्व का मूल भाव है। उससे आगे जो होता है वह त्योहार से इतर है। ‘साली आधी घरवाली’, ‘फागुन में जेठ कहे भाभी’ जैसी उक्तियाँ युवकों को उत्तेजित करती हैं जो महिलाओं के प्रति अपराधों को बढ़ावा देती हैं। ऐसी बातों का जरूर बुरा मानना चाहिए और डट कर विरोध करना चाहिए।
हुल्लड़बाजी व शराब या भांग पी कर उत्पात मचाने वाले अपनी तो अपनी दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं। ऐसी उत्पाती घटनाओं का भी जरूर बुरा मानना चाहिए। पिछली साल मेरठ और आसपास के इलाकों में होली का हुड़दंग, खुमारी और तेज रफ्तार जिंदगी पर भारी पड़ गई। हादसे दर हादसे होते रहे और लोग सड़कों पर दम तोड़ते रहे। मेरठ और आसपास के जिलों में हुए अलग-अलग हादसों में करीब 28 लोगों की मौत हो गई। मारपीट और संघर्ष की घटनाएं भी होली के रंग में भंग डालती रही। पटियाला में भी होली पर जिले में चार सड़क हादसे हुए और इन हादसों में चार लोगों की जान चली गई थी। 2019 की होली में गाजियाबाद में होली खेलने को लेकर घर के बाहर झगड़ा कर रहे 2 पक्षों को समझाने गए युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये तो दो साल की घटनाएं हैं। हर साल ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ होती हैं। कभी कभी ये घटनाएँ साम्प्रदायिक रूप भी ले लेती हैं।
होली पर विगत वर्ष भी कोरोना की काली छाया थी, इस बार भी कोरोना-2 के बढ़ते खतरे ने होली पर आयोजित होने वाले समारोहों को अनुशाषित किया है। उत्तर प्रदेश में होली के सार्वजनिक समारोहों के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी, 10 वर्ष से कम व 60 वर्ष से ऊपर के लोग सार्वजनिक समारोहों में भाग नहीं ले सकेंगे। अनुमति के बाद भी जो कार्यक्रम होंगे उनमें भाग लेने वालों को मास्क, शारीरिक दूरी व सेनेटीजेशन के नियमों का पालन करना ही होगा।
दिल्ली में डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए सार्वजनिक जगहों पर होली और अन्य त्योहार मनाने पर रोक है।इसी के साथ कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, आईसोलेशन और सर्विलांस के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। दिल्ली के साथ बीएमसी ने भी मंगलवार को साफ कर दिया कि मुंबई में भी सार्वजनिक तौर पर होली मनाने की अनुमति नहीं होगी।बीएमसी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर महामारी रोग अधिनियम 1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश में भी होली को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई हैं। गाइडलाइंस के अनुसार भीड़-भाड़ में होली खेलने पर रोक रहेगी।सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हर रविवार को लॉकडाउन की घोषणा की है।होलिका दहन वाले दिन भी रविवार है, जिस वजह से लॉकडाउन लागू रहेगा।चंडीगढ़ में प्रशासन ने होली पर किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी है।प्रशासन के मुताबिक क्लब, रेस्टोरेंट और होटलों को किसी भी तरह के कार्यक्रम आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है।गुजरात में होली मनाने की इजाजत दे दी गई है, लेकिन साथ में कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। होलिका दहन पर सीमित लोगों को मंजूरी दी गई है। वहीं धुलेंड़ी वाले दिन भीड़-भाड़ से बचने की सलाह दी गई है।कम लोगों के साथ होलिका दहन किया जा सकेगा। रंग खेलने की इजाजत नहीं होगी। नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई होगी। इन सब नियमों का जो पालन न करे तो आपको जरूर बुरा लगना चाहिए।
यह तो थी सार्वजनिक कार्यक्रमों की बात। घर पर भी कोई मिलने आए तो ध्यान रखें कि आप व आगन्तुक दोनों मास्क पहने हों। परंपरागत रूप से गले न मिलें, दूर से नमस्ते करें और होली की बधाई दें। ऐसा न करने वालों का बुरा जरूर मानें और प्यार से समझा दें कि जीवन सुरक्षित रहा तो होली अगले वर्ष जोर-शोर से मना लेंगे। होली मनाइए पर सतर्कता के साथ।
आप सभी को होली की बधाई व शुभकामनाएँ।
– सर्वज्ञ शेखर
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Don’t Mind – It’s Holi
There is no official information as to when the announcement of “Don’t Mind – It’s Holi” started. But don’t mind Holi, it has been said for decades. In ancient times the means of entertainment were less. Various festivals, festivals were a symbol of spiritual rites, they were also a medium of fun and fun. The festival of Holi is like this when in the name of bad faith, there is maximum infringement, hooliganism, indecency towards women, violation of dignity of relationship. Our aim is not to hurt religious sentiments. Holika Dahan and displaying harmony by applying color gulal is the basic motive of the festival. What happens beyond that is beyond the festival. Speeches like ‘Sali Aadhi Gharwali’, ‘Jeth Kahe Bhabhi in Fagun’ provoke youth who promote crimes against women. Such things must be considered bad and should be resolutely opposed.
Those who create a furore by drinking liquor and cannabis or cannabis risk their own lives. Such abusive incidents must also be considered bad. In the last year Meerut and the surrounding areas holiet, hoarding and fast speed overshadowed life. Accidents continued to happen and people died on the streets. Around 28 people died in separate accidents in Meerut and adjoining districts. Incidents of assault and conflict continued to disrupt the colors of Holi. In Patiala too, four road accidents took place in the district on Holi and four people lost their lives in these accidents. In 2019 Holi, a young man who was trying to convince 2 sides who were fighting outside the house to play Holi in Ghaziabad was shot and killed. These are two years of events. Such unfortunate incidents happen every year. Sometimes these incidents also take communal form.
Last year was also the specter of Corona on Holi, this time also the rising threat of Corona-2 has guided the celebrations to be held on Holi. In Uttar Pradesh, prior permission will have to be taken for public celebrations of Holi, people below 10 years and above 60 years will not be able to participate in public ceremonies. Even after the permission, the participants in the program will have to follow the rules of mask, physical distance and sanitation.
In Delhi, the DDMA said in its order prohibiting the celebration of Holi and other festivals in public places in view of the growing cases of corona, along with strict adherence to the rules for screening, testing, isolation and surveillance of the corona virus. Along with Delhi, the BMC also made it clear on Tuesday that it would not be allowed to celebrate Holi in public even in Mumbai. The BMC has issued a circular stating that those who violate these rules would be charged with the Pandemic Diseases Act 1897 and the Disaster Management Act 2005. Action will be taken under
Guidelines regarding Holi have also been issued in Madhya Pradesh. According to the guidelines, the playing of Holi will be banned in the crowd. The government has announced a lockdown on every Sunday in view of the increasing cases of corona. The day of Holika Dahan is also a Sunday, due to which the lockdown will remain in force. No public event is allowed on Holi. According to the administration, clubs, restaurants and hotels have not been allowed to organize any kind of events. In Gujarat, Holi has been allowed to celebrate, but together Some conditions have also been imposed. A limited number of people have been approved on Holika Dahan. At the same time, it has been advised to avoid congestion on a dusty day, Holika Dahan will be done with less people. Color will not be allowed to play. Action will be taken against those who ignore the rules. If you do not follow all these rules, then you must feel bad.
It was a matter of public programs. If someone comes to meet you at home too, keep in mind that both you and the visitor are wearing masks. Traditionally do not hug, greet from afar and greet Holi. Do not feel bad about those who do not do this and explain with love that if life is safe, then Holi will be celebrated loudly next year. With caution on Holi celebrations.
Happy Holi to all of you and best wishes.
– Sarwagya Shekhar