प्याज ने निकाले गरीबों के आंसू
आगरा में प्याज ने गरीबों के आंसू निकाल दिए हैं। प्याज और हरीमिर्च से रोटी खा कर पेट भरने वाले मजदूरों व सड़क के किनारे रह कर गुजर बसर करने वालों के लिए प्याज अब दुर्लभ वस्तु हो गई है। शहर में अच्छा सेब 80 से 100 रुपए तक मिल जाता है और प्याज का भाव भी सेब की बराबरी करतें हुए 80 रुपयों तक पहुंच गया है, और लगता है कि यदि यही स्थिति जारी रही तो निकट भविष्य में 100 रुपये भी हो सकता है। यह हाल तो तब है जबकि पितृपक्ष होने के कारण प्याज की मांग अभी कम है। इसके बाद नवदुर्गे आरंभ हो जाएंगे तब भी प्याज की मांग कम ही रहेगी।बाद में मांग बढ़ने और आपूर्ति कम होने पर प्याज के भावों में और अधिक उछाल आएगा।
कुछ ऐसा संयोग है कि प्रतिवर्ष इन्हीं दिनों में प्याज के भाव बढ़ते हैं और जब कहीं चुनाव होने वाले हों तब प्याज अवश्य एक पक्ष के लिए संबल और दूसरे पक्ष के लिए कमजोरी बन कर सामने आ जाती है। पहले भी कई चुनाव प्याज के नाम पर लड़े गए या प्याज मुख्य मुद्दा रहा।
ऐसा नहीं है कि प्याज आगरा में ही रुला रही हो सारे देश में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। अन्य शहरों में भी जो प्याज 15 रुपए बिकती थी, अब वही प्याज 80 रूपए तक पहुंच गई है। मुंबई में भी इस समय प्याज 75 से 80 रुपए प्रति किलो बिक रही है। अभी कुछ ही दिन पहले दिल्ली में प्याज 30 रुपये से 40 रूपये किलो के बीच बिक रही थी, लेकिन चंद दिन में ही वो भाव 80 तक पहुंच चुका है। प्याज की कीमत में अचानक आई तेजी से हर कोई हैरान है। गुरुग्राम में भी 80 रुपये किलो, पटना में करीब 70 रुपये, कोलकाता में 70 से 75 रुपये और चेन्नई में ये भाव 60 रुपये किलो के उपर ही है। नासिक के व्यापारियों की माने तो फिलहाल प्याज की कीमत गिरने नहीं जा रही है।यहां थोक भाव 4400 प्रति क्विंटल है।
प्याज का उत्पादन करने वाले राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में प्याज की फसल नष्ट होने से अन्य राज्यों में आवक कम हो गई है पिछले साल के सूखे ने और इस बार मॉनसून की देरी ने मुश्किलें बढ़ा दीं। इस बार कई जगहों पर मूसलाधार बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर प्याज की फसल भी बर्बाद हो गई। नतीजा मंडियों में सप्लाई कम हो गई और कीमतें खरीदारों को रुलाने लगीं।प्याज के व्यापारियों द्वारा कालाबाज़ारी व जमाखोरी भी प्याज की किल्लत का एक कारण माना जा रहा है।
सरकार ने इस सम्बंध में कोई ठोस उपाय नहीं किया है, केवल मंत्रियों ने कुछ बयान अवश्य दिए हैं। सरकार नवंबर माह का इंतजार कर रही है जब स्वतः ही भाव कम होना शुरू हो जाएंगे। दिल्ली में मुख्यमंत्री ने प्याज को कम भावों में बेचने की घोषणा की है, हो सकता है दिल्ली के लोगों को कुछ राहत मिले।
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Onions make the Poor shed tears
In Agra, onions have made the poor shed tears. Onion has become a rare item for laborers who eat bread with onion and green pepper and live on the roadside. A good apple is available in the city from 80 to 100 rupees and the price of onion has also reached 80 rupees, compared to the apple, and it seems that if the same situation continues, it could be Rs 100 in the near future. This is the situation when onion demand is still low due to being ancestral. After this, the demand for onion will remain low even after the Navaratri will start. Onion prices will rise further as demand increases and supply decreases.
It is a coincidence that onion prices rise every year during these days and when elections are going to be held, onion must become a force for one side and weakness for the other side. Earlier too many elections were fought in the name of onion or onion was the main issue.
It is not that the onion is crying in Agra itself, onion prices are touching the sky. In other cities too, the onion which was sold for 15 rupees, now the same onion has reached Rs 80. In Mumbai also, onion is currently being sold at Rs 75 to 80 per kg. Just a few days ago, onion was being sold in Delhi for between 30 rupees to 40 rupees, but in a few days that price has reached 80. Everyone is surprised by the sudden rise in the price of onion. In Gurugram too, the price is only Rs 80 per kg, in Patna it is around Rs 70, in Kolkata it is Rs 70 to 75 and in Chennai it is only Rs 60 per kg. According to Nashik traders, the price of onion is not going to fall at the moment. The wholesale price here is 4400 per quintal.
The onion crop in the onion-producing states of Maharashtra and Gujarat has reduced inward arrivals in other states, with last year’s drought and this time the delay of the monsoon added to the problems. This time, onion crop was also destroyed on a large scale due to torrential rains in many places. As a result, the supply in the mandis decreased and prices started making buyers cry. Black marketing and hoarding by the traders of interest is also considered as a reason for onion shortage.
The government has not taken any concrete measures in this regard, only the ministers have made some statements. The government is waiting for the month of November, when prices will automatically start declining. In Delhi, the Chief Minister has announced to sell onions at low prices, maybe some relief to the people of Delhi.
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