हर हादसे के बाद…
यद्यपि यह सही है कि आतंकवादी घटनाओं को छोड़कर कोई भी हादसा कोई जानबूझकर नहीं करता। लेकिन यह बात भी विचारणीय है कि हादसा हो जाने के बाद जो कमियां तुरंत सामने आती हैं, उन कमियों पर पहले क्यों नहीं ध्यान दिया जाता।
जी हाँ, मेरा इशारा 7 अगस्त को केरल के कोझिकोड में हुई विमान दुर्घटना की ओर ही है। सीमा पर वीरों की शहादत के बाद “वीरों की शहादत बेकार नहीं जाएगी’ हम बदला जरूर लेंगे”, किसी भी आतंकवादी घटना के बाद “आतंकवादियों की यह कायराना हरकत है” , विमान हादसे के बाद “जांच कमेटी बना दी गई है, ब्लैक बॉक्स से पता चलेगा कि क्या कारण है”। यह कुछ ऐसी घिसी पिटी बातें हैं जिन्हें सुन सुनकर जनता के कान पक गए हैं।
जब आपको पता है कि पहाड़ी पर रनवे है, भारी बारिश पहले से हो रही है, फिसलने का खतरा है तो उस विमान को कहीं और क्यों नहीं डायवर्ट किया गया या विमान के रनवे पर आने से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं पूरी की गई। बारिश कोई अचानक तो हुई नहीं थी। इतने सारे लोगों की जान जब जोखिम में डालकर इतनी बड़ी लापरवाही की जाती है और फिर किसी को उसकी सजा नहीं मिलती । सजा मिल भी जाए तो क्या जो निर्दोष जानें चली गईं क्या वह वापस आ सकती हैं ? हमारे देश में पहाड़ों पठारों पर बने हुए कई रनवे हैं इनको टेबलटॉप रनवे कहा जाता है।देश में ऐसे तीन एयरपोर्ट हैं, जो बेहद ऊंचाई पर स्थित हैं। इनमें एक केरल के मलाप्पुरम में स्थित कोझिको इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, दूसरा एयरपोर्ट कर्नाटक के मंगलुरु में है., तीसरा एयरपोर्ट मिजोरम में है।टेबलटॉप एयरपोर्ट का मतलब है कि हवाई पट्टी के इर्द-गिर्द घाटी होती है। टेबलटॉप में रनवे खत्म होने के बाद आगे ज्यादा जगह नहीं होती है।
कोझिकोड हादसे के होने में टेबलटॉप रनवे को भी वजह माना जा रहा है। इसी कारण रनवे पर फिसलने के बाद विमान घाटी में जा गिरा। जहां उसके दो टुकड़े हो गये। टेबलटॉप रनवे में जोखिम काफी ज्यादा होता है। लैंडिंग और उड़ान दोनों के दौरान काफी सावधानी बरतनी होती है। जिसके कारण पायलट भी काफी दक्ष होने जरूरी होते हैं।ऐसे एयरपोर्ट पर लैंडिंग कराने वाले पायलटों की संख्या कम ही होती है।
लगभग दस वर्ष पूर्व भी ठीक ऐसे ही एक विमान हादसा मंगलुरु में हुआ था। यह भी संयोग है कि वह विमान भी एयर इंडिया का था और दुबई से ही आ रहा था। 22 मई, 2010 को एयर इंडिया की दुबई से मंगलोर आ रही फ्लाइट संख्या 812 लैंडिंग के वक्त रनवे को पार करते हुए पहाड़ी में जा गिरी थी। उस हादसे में 158 लोगों की मौत हो गयी थी व 8 यात्री ही बच सके थे।
एक बार फिर अवसर है। जो देश के 3 टेबल टॉप रनवे हैं उन पर भविष्य में ऐसा कोई हादसा न हो पाए , इसपर विचार मंथन करना होगा और कुछ न कुछ नई नीति बनानी होगी ताकि इन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
– सर्वज्ञ शेखर
स्वतंत्र लेखक, साहित्यकार
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After Each Air Accident…
It is true that no incident occurs intentionally except in terrorist incidents. But it is also worth considering that the shortcomings that occur immediately after an accident are not noticed before.
Yes, I refer only to the plane crash in Kozhikode, Kerala on 7 August. “We will surely take revenge” after the martyrdom of the heroes on the border, “this is the dastardly act of terrorists” after any terrorist incident, after the plane crash “Investigation Committee has been made, black box Will know what is the reason ”. These are some of the stereotypes that have caught the ears of the public.
When you know that there is a runway on the hill, heavy rain is already in place, there is a risk of slipping, then why was the aircraft not diverted elsewhere or security was not completed before the aircraft came to the runway. There was no sudden rain. When so many people are put at risk, such great carelessness is done and then no one gets their punishment. Even if punishment is found, can the innocent people who lost their lives come back? There are many runways built on the mountain plateaus in our country, these are called tabletop runways. There are three airports in the country, which are located at a very high altitude. One of them is Kozhiko International Airport in Malappuram in Kerala, the other is in Mangaluru, Karnataka. The third is in Mizoram. Tabletop airport means that there is a valley around the airstrip. The tabletop does not have much further space after the runway is over.
Tabletop runways are also believed to be the reason for the Kozhikode accident. Due to this, the plane fell into the valley after sliding on the runway. Where it broke into two pieces. In tabletop runways the risk is much higher. Considerable caution is required during both landing and flight. Due to which pilots are also required to be very efficient. The number of pilots landing at such an airport is very less.
About ten years ago, a similar aircraft accident took place in Mangaluru. It is also a coincidence that the aircraft also belonged to Air India and was coming from Dubai itself. On May 22, 2010, Air India’s flight number 812 coming from Dubai to Mangalore fell into the hill while crossing the runway. 158 people died in that accident and only 8 passengers could survive.
Once again there is an opportunity. If there are no such accidents in future on the 3 table top runways of the country, it has to be discussed and some new policy has to be made so that these incidents do not recur.