अंतर्मन का दीप जलाओ
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अंतर्मन के दीप जला कर
अज्ञानता का तम हरो,
कोरोना से बचने को मित्रो
निर्देशों का मान करो।
कोविड के जीवाणु का
अंत करेगा बस विज्ञान,
सामाजिक दूरी रखने पर
ही बस देना अपना ध्यान।
दीप जलाओ मानवता का
भूखों को कुछ दे दो अन्न,
सहायता का दीप जला कर
मजदूरों को करो प्रसन्न।
दीप जलाओ अदब तहजीब का
चिकित्सकों का करो सम्मान,
दीप जलाओ अनुशासन का
करो न किसी का भी अपमान।
दीप जला कर गोदामों में
रोको कालाबाजारी को,
बेईमानी करने से रोको
दीप दिखाओ व्यापारी को।
कोरोना तो भाग जाएगा
आज नहीं तो कल मित्रो,
इन दीपों का अक्षुण्य प्रकाश
सदैव मार्ग प्रशस्त करेगा मित्रो।
– सर्वज्ञ शेखर