सप्ताहांत
19 अप्रैल को श्री हनुमान जयन्ती थी। हनुमान जी बहुत बलशाली थे परन्तु उन्हें उनकी शक्ति का अहसास कराना होता था। सीता जी को ढूढने लंका भेजने से पूर्व जामवंत ने हनुमानजी को याद दिलाया – “कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥ राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥” हमारे सर्वोच्च न्यायालय को भी यदा कदा जामवंत का रूप धारण करके संवैधानिक संस्थाओं