कार-बेकार हुईं : मंदी के अलावा कुछ और भी हैं कारण
कारों की बिक्री में लगातार हो रही गिरावट की खबरों के बीच जब अचानक मारुति सुजुकी ने अपने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट में 7 और 9 सितंबर को यात्री वाहनों का उत्पादन बंद रखने की घोषणा की तो लोगों को इस बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर होना पड़ा। बिक्री में गिरावट की वजह से मारुति ने पिछले 7 महीने में भी प्रोडक्शन घटाया था। कंपनी ने अगस्त में उत्पादन 33.99% और जुलाई में 25.15% घटाया था।
मारुति के यात्री वाहनों की बिक्री अगस्त में 33.67% घटकर 1 लाख 10 हजार 214 यूनिट रह गई। पिछले साल अगस्त में 1 लाख 66 हजार 161 यात्री वाहन बिके थे। अगस्त में मारुति की कुल बिक्री 33% घटकर 1 लाख 6 हजार 413 यूनिट रह गई।
बड़ी कार निर्मता कंपनी हौंडा कार्स इंडिया (HCIL) ने अगस्त, 2019 की जो सेल्स रिपॉर्ट जारी की है, उसके अनुसार होंडा कारों की घरेलू बिक्री की बात की जाए तो अगस्त माह में बिक्री 51.28 फीसद गिरकर 8,291 यूनिट्स रह गई है जो कि पिछले साल इसी अवधि में 17,020 यूनिट्स थी।
देश मे पिछले कुछ महीनों से कारों की बिक्री कम हो रही है। अप्रैल में कारों की बिक्री घटने से पूरी ऑटो इंडस्ट्री सदमे में आ गई थी। पिछले तीन महीनों से कारों और एसयूवी की बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अप्रैल 2019 में 160,279 यात्री वाहनों की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल अप्रैल 2018 में 200,183 वाहनों की बिक्री हुई थी। इसके बाद जुलाई महीने में यात्री वाहनों की बिक्री में 31 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी, जो पिछले 19 सालों में सबसे न्यूनतम मानी जा रही है। जिसके चलते ऑटो सेक्टर में नौकरियों पर संकट पैदा हो गया है।
कार विक्रेताओं का मानना है कि आर्थिक मंदी और ग्राहकों की वित्तीय क्रयशक्ति कम हो जाने से कारों की बिक्री पर विपरीत असर पड़ रहा है। जबकि विशेषज्ञों का कहना है आर्थिक मंदी के अतिरिक्त युवा वर्ग की सोच में आया तेजी से बदलाव भी इसका एक प्रमुख कारण है। अपनी कार अब पहली पसंद नहीं रह गई है। ओला और उबेर का उपयोग बढ़ा है। नौकरी पेशा लोग पूल कार से जाते हैं या उन्हें आफिस वेन-कैब लेने आती है। कुछ लोग मेट्रो स्टेशन तक ओला बाइक से जाते हैं और बाकी यात्रा ट्रेन से करते हैं। बड़े शहरों में महिलायें ओला उबर का भरपूर उपयोग करतीं हैं। अपनी कार की पार्किंग के झंझट से मुक्ति मिलती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से थोड़ा थोड़ा पैदल चलने की भावना ने भी कार का उपयोग कम किया है।
पहले पूरे परिवार में एक कार होना स्टेटस सिंबल माना जाता था।अब एक परिवार में अनेक।कारें हैं। पहले यह लगजरी अर्थात विलासिता मानी जाती थी परंतु अब आवश्यकता की वस्तु हो गई। अर्थात पहले लोग दिखावे के लिए कार खरीदते थे अब जिसे जरूरत है वही खरीदता है।
– सर्वज्ञ शेखर गुप्ता
पूर्व मंडल प्रबन्धक
केनरा बैंक
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Automobile Industry Downfall: There are other Reasons besides the Recession
Amid reports of a steady decline in car sales, people were forced to think seriously when suddenly Maruti Suzuki announced to stop production of passenger vehicles at its Gurugram and Manesar plants on September 7 and 9. Maruti had also reduced production in the last 7 months due to the decline in sales. The company reduced production by 33.99% in August and 25.15% in July.
Sales of Maruti’s passenger vehicles declined by 33.67% to 1 lakh 10 thousand 214 units in August. In August last year, 1 lakh 66 thousand 161 passenger vehicles were sold. Maruti’s total sales in August declined by 33% to 1 lakh 6 thousand 413 units. According to the sales report released by the big car manufacturer Honda Cars India (HCIL) in August 2019, when it comes to domestic sales of Honda cars, sales in August fell by 51.28 per cent to 8,291 units from last year. There were 17,020 units in the same period.
Car sales in the country have been declining for the last few months. The entire auto industry was shocked by the decrease in car sales in April. Sales of cars and SUVs have been declining continuously for the last three months. 160,279 passenger vehicles were sold in April 2019, compared to 200,183 vehicles in April 2018 last year. After this, there was a 31 per cent decline in sales of passenger vehicles in July, which is considered to be the lowest in the last 19 years. Due to this, there has been a crisis on jobs in the auto sector.
Car sellers believe that the economic slowdown and reduced financial purchasing power of customers are adversely affecting car sales. While experts say that in addition to the economic downturn, rapid change in the thinking of the youth is also a major reason for this. Your car is no longer the first choice. The use of Ola and Uber has increased. People go by pool car or come to take office van cabs. Some people go Ola by bike to the metro station and the rest travel by train. In big cities, women make full use of Ola Uber. Get rid of the mess of parking your car. In terms of health, the feeling of walking a little has also reduced the use of the car.
Earlier, it was considered a status symbol to have a car in the whole family. Now there are many. Earlier this luxury was considered luxury but now it has become a necessity. That is, earlier people used to buy cars for showings, now whoever needs is buys.
– Sarwagya Shekhar Gupta, Ex-Divisional Manager, Canara Bank
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