बधाई या शुभकामना?
क्या अंतर है दोनों में?
शुभकामनाओं और बधाई में लोगों को प्रायः कन्फ्यूजन रहता है।
मेरा एक बार बाहर से आगरा स्थानांतरण हुआ। जिस शाखा में स्थानांतरण हुआ वह बहुत खराब थी। एक मित्र बोले “तुम्हें शुभकामनाएं दूं या बधाई”। अपने शहर आये हो इसकी बधाई, लेकिन शाखा में तुम चल पाओगे या नही, इसके लिये शुभकामनाएं।
यह वार्तालाप बधाई और शुभकामना का अंतर स्पष्ट कर देता है। जब कोई उपलब्धि हो तो उसके लिये बधाई दी जानी चाहिये। जब कोई अवसर हो उसके लिये बधाई दी जानी चाहिये। जैसे होली दीपावली आदि। कोई उत्तीर्ण हुआ वह बधाई का पात्र है न कि शुभकामना का। किसी को अवार्ड मिला, वह बधाई का पात्र है न कि शुभकामना का। किसी का जन्म दिन है तो बधाई ही दी जाएगी। जहां थोड़ा भी स संशय हो वहां शुभकामनाएं दी जा सकती हैं। यदि कोई एग्जाम देने जा रहा है तो शुभकामनाएं दी जाएंगी, बधाई नही, कोई यात्रा पर जा रहा है तो शुभकामनाएं दी जाएंगी न कि बधाई। तात्पर्य यह है कि जो कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुका, उसके लिए बधाई और जिसकी पूर्णता/सफलता में संदेह हो उसके लिये शुभकामनाएं।
इसके कुछ अपवाद भी हैं। जैसे परीक्षा पास करने की बधाई और साक्षात्कार के लिए शुभकामनाएं एक साथ दी जा सकती हैं। उज्ज्वल भविष्य के लिये शुभकामना हो सकती है परन्तु जो हो रहा है, जैसे जन्मदिन, त्योहार, डिग्री, अवार्ड, सम्मान आदि उसके लिए बधाई ही उपयुक्त है। शुभकामना भविष्य के लिये होती है और बधाई वर्तमान की ओर इंगित करती है।
– सर्वज्ञ शेखर
“Difference between Badhai and Subhkamna”