सप्ताहांत: सतर्कता ही एकमात्र रास्ता है

covid social distancing

कोरोना के विरुद्ध युद्व अभी जारी है। देश में अब बहुत कुछ अनलॉक हो चुका है। कुछ अपवादों को छोड़कर लॉकडाउन का भारत की जनता ने समझदारी से व दृढ़ता से पालन किया। इसी लिए हमारे देश में अन्य देशों की अपेक्षा इस महामारी का प्रसार कम हो पाया। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कुल मरीज़ों की संख्या 3461240 थी। कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या 62173 है। मृत्यु दर अन्य देशों की अपेक्षा कम है व ठीक होने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। कोरोना की वैक्सीन की दिशा में भी बहुत सकारात्मक प्रयास चल रहे हैं।

कोरोना का इतना प्रकोप होते हुए भी ऐसा लग रहा है कि अब मीडिया को रिया सुशांत के आगे कोरोना की कोई चिंता नहीं है। सरकार भी अब उतनी सक्रिय नहीं जितनी कि लोक डाउन के समय थी। यही कारण है कि संक्रमित लोगों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। ऐसी परिस्थिति में आत्म संयम व सतर्कता ही एक रास्ता है। बिना आवश्यकता घर से निकलने, भीड़ न करने, मास्क पहनने, सभाएं गोष्ठियां, शादियों व अन्य संस्कारों, मंदिरों, मस्जिदों व गुरद्वारों व अन्य धर्मस्थलों में जाने पर नियंत्रण आदि जैसी पाबंदियां जारी हैं।
हमारा भी यही मानना है कि जिनको बाहर जाने की अनुमति हो उन्हें छोड़कर शेष सभी लोग पूरी सतर्कता बरतें तभी कोरोना को भारत से भगाया जा सकेगा। देश संकट के दौर से गुजर रहा है। नीति सूत्रों में कहा गया है “आपत्ति काले मर्यादा नास्ति” अर्थात आपत्ति के समय मर्यादाओं का पालन न करने से पाप नहीं लगता व सिद्धान्तों का हनन भी नहीं होता। अब नई मर्यादाएं तय कीजिए। यदि आप मंगलवार को हनुमान जी मंदिर में जा कर भोग लगाते हैं तो अभी जाना शुरू न करें। भले ही लॉकडाउन की समाप्ति की घोषणा हो गई हो। बहुत लोग नियम से माह में एक बार मथुरा के बांके बिहारी मंदिर दर्शन, गोवर्धन परिक्रमा, माता वैष्णो देवी, कैला देवी या अन्य तीर्थ स्थल/धर्मस्थल जाते हैं, अभी इन यात्राओं को शुरू न करें, नमाज घर पर पढ़ें, गुरुवाणी का पाठ सब मिलकर घर में ही कर लें। ताकि धर्मस्थलों में भीड़ न हो। सोमवार को शिवजी की, मंगलवार को हनुमानजी की व व्रहस्पतिवार को साईंबाबा की पूजा घर पर ही कर लें, क्योंकि मन्दिर जाने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो जाता।

स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखा जाए। कुछ लोग विशेषकर महिलाएं रोज सर से स्नान नहीं करते। कुछ लोग मंगलवार, वृहस्पतिवार या शनिवार को शेविंग नहीं करते, कुछ दिनों के लिए यह मर्यादा त्याग दें व रोज अच्छे से नहाएं, दाढी बनाएं, हाथ ही नहीं पूरे शरीर को स्वच्छ रखें ताकि कोई जीवाणु आपके पास तक न आए व तन मन प्रफुल्लित रहे।

– सर्वज्ञ शेखर

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