बीमार भारत को वैक्सीन देने वाला बजट
कोरोना महामारी ने भारत के नागरिकों को ही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बीमार कर दिया है। 01 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट 2021 रोगियों व बीमार अर्थव्यवस्था को योजनाओं की वैक्सीन से निरोगी करने की दशा में किया जाने वाला प्रयास है। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की बड़ी गिरावट आई थी। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के सबसे ऊंचे आंकड़ों में से है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 और लॉकडाउन से प्रभावित 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 फीसदी की गिरावट होने का अनुमान है। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में 7.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज कर सकती है।अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बजट में हर तरह के ज़रूरी कदम उठाए हैं वो चाहे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हो, सड़क बनाने की बात हो, पावर डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम की बात हो या सोलर सिस्टम। कृषि, शिक्षा, मूलभूत ढांचागत सुधार, एमएसएमई सेक्टर आदि के लिए उठाए गए कदम अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अपेक्षा के अनुरूप हैं। बजट छह स्तंभों पर आधारित है जिनमें स्वास्थ्य एवं देखभाल, वित्त पूंजी एवं बुनियादी ढ़ांचा, आकांक्षी भारत में समग्र विकास, मानव संसाधन का विकास, नवाचार एवं अनुसंधान और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन शामिल है।
इसी प्रकार वित्तमंत्री ने कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में बढ़ोतरी की है और “आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना” की घोषणा की। स्वास्थ्य बजट में 135 पर्सेंट का इजाफा हुआ है और इसे 94 हजार से 2.38 लाख करोड़ किया गया है। कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।स्वास्थ्य के मद में सरकार अगले 6 सालों में करीब 61 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्राइमरी लेवल से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा। नई बीमारियों पर भी फोकस होगा, जो नेशनल हेल्थ मिशन से अलग होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी घोषणा की है कि न्यूटिशन पर फोकस किया जाएगा और जल जीवन मिशन (अर्बन) लॉन्च किया जाएगा। 500 अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर काम होगा। स्वच्छता के लिए करीब 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपये खर्च करेंगे। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर अगले 5 सालों में एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। दो हजार करोड़ रुपये का कर्च स्वच्छ हवा के लिए किया जाएगा।
वेतनभोगी, वरिष्ठ नागरिकों व पेंशनरों के लिए बहुत निराशाजनक बजट है। कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा बुरा असर कर्मचारियों पर ही पड़ा था। उनका वेतन रोक दिया गया या कम कर दिया गया। उनको राहत दी जानी चाहिए थी। पिछले 07 साल से आयकर छूट सीमा 02.50 लाख ही है, उसे बढ़ाया जा सकता था। 75 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए जो घोषणा की गई है उससे उन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं होने वाला है। आयकर में राहत से बाजार में माँग पैदा होती है जो अर्थव्यवस्था को सुधारती है। यह तर्क दिया जा रहा है कि स्लैब में हर साल परिवर्तन करने से कंसिस्टेंसी नहीं रहती। फिर तो बजट भी हर साल लाने की क्या आवश्यकता है। मेरा सुझाव है कि बजट को पंचवर्षीय कर दिया जाए, प्रतिवर्ष समीक्षा होती रहे।
बड़े अहसान के साथ एक बात और कही जा रही है कि सरकार ने अपने खर्चो को पूरा करने के लिए कोई टैक्स या सैस नहीं लगाया। इस तर्क में कोई दम नहीं है। कई बार जीरो टैक्स बजट भी आए हैं। परँतु बाद में समय समय पर टैक्स लगा दिए जाते हैं। इसी प्रकार जो योजनाएं बनाई गई हैं उनको पूरा होने में बरसों लग जाते हैं, हमारा यह भी अनुभव है कि अनेक योजनाओं में आवंटित बजट राशि को पूरा उपयोग भी नहीं किया जाता।आवश्यकता इस बात की थी कि जिन योजनाओं से आम जनता और मध्यम वर्ग को त्वरित लाभ होता उनकी घोषणा ज्यादा होती।
– सर्वज्ञ शेखर
सेवानिवृत्त बैंक कार्यपालक
स्वतंत्र लेखक
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Vaccine Budget for Sick India
The corona epidemic has not only made the citizens of India sick but also the Indian economy. The budget 2021 presented by Finance Minister Nirmala Sitharaman on February 01 is an attempt to prevent the patients and the sick economy from being vaccinated with the plans. The economy suffered a major decline of 23.9 per cent in the first quarter of April-June of the current financial year due to the corona virus epidemic and the ‘lockdown’ imposed for its prevention. It is one of the highest figures of decline in major economies of the world. According to a United Nations report, the Indian economy is projected to decline by 9.6 percent in 2020, affected by Kovid-19 and lockdown. The same report said that the Indian economy may register a growth of 7.3 per cent in 2021. In order to speed up the economy, all necessary steps have been taken in the budget, be it in the infrastructure sector, road construction, power distribution. Talking about the system or solar system. The steps taken for agriculture, education, infrastructural reforms, MSME sector etc. are in line with the expectation for improvement in the economy. The budget is based on six pillars including health and care, finance capital and infrastructure, overall development in aspirational India, development of human resources, innovation and research and minimum government maximum governance.
Similarly, in view of Corona, the Finance Minister has increased the budget for the health sector and announced a “self-sustaining health plan”. The health budget has increased by 135% and it has been increased from 94 thousand to 2.38 lakh crore. A provision of 35 thousand crores has been made for the corona vaccine. The government will spend about Rs 61 thousand crores in the next 6 years on health. He informed that under this, health services from primary level to higher levels will be spent. There will also be a focus on new diseases, which will be separate from the National Health Mission. Finance Minister Nirmala Sitharaman has also announced that the focus will be on nutrition and the Water Life Mission (Urban) will be launched. There will be work on sanitization in 500 Amrit cities. About 2 lakh 80 thousand crores will be spent for cleanliness. One lakh 41 thousand crore rupees will be spent on Urban Clean India Mission 2.0 in next 5 years. Two thousand crore rupees will be used for clean air.
There is a very disappointing budget for salaried, senior citizens and pensioners. The worst effect was on the employees in the coronary period. His salary was withheld or reduced. He should have been relieved. Income tax exemption limit is only 02.50 lakhs for the last 07 years, it could have been increased. The announcement made for senior citizens above 75 years of age is not going to benefit them financially. Income tax relief creates market demand which improves the economy. It is being argued that changes in the slab every year do not result in consistency. Then what is the need to bring the budget every year as well. I suggest that the budget be made five-yearly, reviewing every year.
Another thing that is being said with great gratitude is that the government did not levy any tax or sass to meet its expenses. There is no point in this argument. Zero tax budget has also come many times. But later tax is levied from time to time. Similarly, the schemes that have been made take years to complete, we also have the experience that the budget amount allocated in many schemes is not even utilized in full. The need was that the general public and the middle class His declaration would have been quicker.
– Sarwagya Shekhar