सप्ताहांत: ऐसे कैसे काम चलेगा यूपी में
उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं का ग्राफ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। कुछ घटनाओं में पुलिस की संलिप्तता से उत्तर प्रदेश प्रशासन, शासन व पुलिस की छवि निश्चित रूप से धूमिल हुई है। कानपुर में एक व्यक्ति के अपहरण और उसकी रिहाई में 30 लाख की फिरौती का जो कांड हुआ उसने भी पुलिस व अपराधियों के नापाक गठजोड़ की ओर वैसे ही इंगित किया है जैसा बिकरू में विकास दुबे प्रकरण में हुआ।
इससे पूर्व गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की निर्मम हत्या से भी पूरा प्रदेश का सभ्य समाज हिलकर रह गया था। अखिलेश यादव की सरकार के समय से ही उत्तर प्रदेश वैसे भी पत्रकारों पर हमले के मामले में पूरे देश में नंबर एक पर चल रहा है।
साधुओं की हत्या या उन पर हमलों की घटनाओं में भी पिछले कुछ दिनों में लगातार वृद्धि हुई है। सबसे ताजा घटना आगरा के जगनेर इलाके की है जहाँ 19 जुलाई को जगनेर-आगरा मार्ग स्थित प्रसिद्ध काली मंदिर के महंत से मारपीट का मामला सामने आया है। मारपीट में महंत घायल हो गए हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। तिलक दास काली मंदिर के महंत हैं। मंदिर के मुख्य महंत भूतनाथ महाराज ने बताया कि तिलकदास पर पहले भी जानलेवा हमला हो चुका है। मारपीट में महंत तिलक दास गंभीर रूप से घायल हो गए है।
इससे पूर्व मेरठ में ऐसी ही जघन्य घटना सामने आई है। मेरठ में साधु की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। साधु का भगवा रंग के गमछे को लेकर मजाक उड़ाया गया और फिर विरोध पर उनकी हत्या कर दी गई।घटना मेरठ के भावनपुर की है। अब्दुलापुर बाजार में एक शिव मंदिर हैं। मंदिर में ही गांव के कांति प्रसाद की दुकान थी और वह मंदिर समिति के उपाध्यक्ष भी थे। वह मंदिर की साफ-सफाई के साथ पुजारी का काम भी देखते थे। कांति गले में भगवा रंग का गमछा डालते थे और पीले रंग के कपड़े पहनते थे। 13 जुलाई को कांति गंगानगर में बिजली का बिल जमा करने गए थे। लौटते समय ग्लोबल सिटी के पास गांव के ही एक व्यक्ति ने कांति के भगवा गमछे को लेकर कथित धार्मिक टिप्पणी की और मजाक बनाया। विरोध करने पर उनकी बहुत पिटाई की गई और अस्पताल पहुंचकर उन्होंने दम तोड़ दिया।
26 जून को कानपुर देहात की सिकंदरा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाईवे के किनारे बने मदनपुर गांव में काली माता मंदिर के पुजारी पर जानलेवा हमला होने से सनसनी फैल गई। पीड़ित पुजारी ने बताया कि देर रात जब मंदिर में सो रहा था तभी अचानक कुछ लोग लाठी डंडा लेकर घुस आए और हमला कर दिया।
28 मई को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुजारी और उसके बेटे के शव मिलने का मामला सामने आया था। सुबह मंदिर में दोनों के शव मिलने से हड़कंप मच गया। घटना संभल जिले के नखासा थाना इलाके के रसूलपुर सराय गांव की है। पुजारी पिता-पुत्र के शव शिव मंदिर में सुबह मिले। दोनों के गले पर निशान मिले। पुजारी का नाम अमर सिंह उम्र 60 वर्ष है। बेटे का नाम जयवीर उम्र 21 वर्ष है।
इससे पहले 27 अप्रैल की देर रात बुलंदशहर के अनूपशहर कोतवाली में दो साधुओं की हत्या कर दी गई थी। मंदिर परिसर में सो रहे दोनों साधुओं पर धारदार हथियार से वार कर घटना को अंजाम दिया गया था। घटना के बाद लोगों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था।
दोनों साधु शिव मंदिर की देखरेख और पुरोहित का काम करते थे। देर रात मंदिर परिसर में ही दोनों साधुओं की हत्या कर दी गई थी। मंदिर में साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले थे। पुलिस मामले में एक नशेड़ी को गिरफ्तार किया था।
उत्तर प्रदेश एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रदेश है। यहां अनेक आध्यात्मिक नगरी, राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि, काशी, हरिद्वार, प्रयागराज आदि धार्मिक महत्व के शहर हैं। यहां के मुख्यमंत्री भी संत हैं। अतः यह अपेक्षा की जाती है कि उत्तर प्रदेश में साधु-संतों और पुजारियों की सुरक्षा के लिए तुरंत कड़े कदम उठाए जाएंगे।
शासन प्रशासन को इस बात पर मंथन करना होगा कि केवल एनकाउंटर करने, घरों में तोड़फोड़ करने, या संदिग्ध अपराधियों की निर्मम पिटाई करने, उनको थर्ड डिग्री देने से ही अपराध समाप्त नहीं होगा। पुलिस को भी संयमित और अनुशासित रहने का प्रशिक्षण देना होगा। प्रदेश में भय का ऐसा माहौल कायम करना होगा कि अपराधी सर न उठा सकें व आम जनता, पत्रकार, साधु-संत सभी अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें।
– सर्वज्ञ शेखर
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Crime Rate Spiking in Uttrar Pradesh
The graph of criminal incidents in Uttar Pradesh is growing very fast. The involvement of the police in some incidents has certainly tarnished the image of Uttar Pradesh administration, government and police. The ransom of 30 lakh ransom in the kidnapping and release of a person in Kanpur has also pointed to the nefarious nexus of police and criminals in the same manner as the Vikas Dubey episode in Bikeru.
Earlier, the civilized society of the entire state was shaken by the brutal killing of journalist Vikram Joshi in Ghaziabad. Since the time of Akhilesh Yadav’s government, Uttar Pradesh has been running at number one in the whole country in the case of attack on journalists.
Incidents of killing of sadhus or attacks on them have also steadily increased in the last few days. The latest incident is in the Jagner area of Agra, where on July 19, a case of assault was reported from the Mahant of the famous Kali temple located on the Jagner-Agra road. Mahanta is injured in the fight. the police has started to investigate. Tilak Das is the Mahant of the Kali temple. The chief Mahant of the temple, Bhootnath Maharaj, said that Tilak Das had been attacked before. Mahant Tilak Das is seriously injured in the fight.
Earlier, a similar heinous incident has come to light in Meerut. The monk was beaten to death in Meerut. The monk was mocked for his saffron color and then murdered on protest. The incident is from Bhavnpur in Meerut. There is a Shiva temple in Abdulapur market. Kanti Prasad of the village had a shop in the temple itself and was also the vice chairman of the temple committee. He also used to watch the work of the priest along with cleaning the temple. Kanti used to put a saffron color in the neck and wore yellow clothes. On July 13, Kanti went to Ganganagar to pay the electricity bill. While returning, a person from the village near Global City made an alleged religious comment and mocked Kanti’s saffron pot. He was beaten a lot for protesting and died on reaching the hospital.
On June 26, a sensational attack was triggered by a deadly attack on the priest of Kali Mata temple in Madanpur village, bordering the National Highway under Sikandra Kotwali area of Kanpur countryside. The victim priest said that while sleeping in the temple late at night, suddenly some people entered with sticks sticks and attacked.
On May 28, a case was found in the Sambhal district of Uttar Pradesh about the body of the priest and his son. There was a stir in the morning after both bodies were found in the temple. The incident is from Rasulpur Sarai village in Nakhasa police station area of Sambhal district. The dead body of the priest-son met in the Shiva temple in the morning. Both got marks on their throats. The name of the priest is Amar Singh aged 60 years. Son’s name is Jayveer, age 21.
Earlier in the late night of April 27, two sadhus were killed at Anupshahar Kotwali in Bulandshahr. The incident was carried out by stabbing both the sadhus sleeping in the temple premises with sharp weapons. After the incident, people caught the accused and handed them over to the police.
Both the sages used to look after the Shiva temple and work as priests. Both the sadhus were killed late in the temple premises. The blood-soaked bodies of the sadhus were found in the temple. The police had arrested an addict in the case.
Uttar Pradesh is a religious and spiritual region. There are many spiritual cities, Ram Janmabhoomi, Krishna Janmabhoomi, Kashi, Haridwar, Prayagraj etc. cities of religious importance. The Chief Minister is also a saint. Therefore, it is expected that strict steps will be taken immediately for the protection of saints and priests in Uttar Pradesh.
Governance administration will have to brainstorm that crime will not end only by encountering, vandalizing homes, or ruthlessly beating suspected criminals, giving them a third degree. Police will also have to be trained to be restrained and disciplined. An atmosphere of fear has to be created in the state that criminals cannot raise their heads and the general public, journalists, saints and saints can all feel safe.
– Sarwagya Shekhar