सप्ताहांत: पेनडेमिक से तो डर लगता ही है

coronavirus pandemic

हवाई यात्रा में उड़ान से पूर्व सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाती है, उसमें एक बात पर मुख्य जोर दिया जाता है कि पहले अपनी सुरक्षा करें, पड़ोसी की बाद में। सारे विश्व में कोरोना वायरस ने जो तांडव मचा रखा है उसका हमारे देश में असर बहुत तेजी से हुआ है।पूरे विश्व में सवा लाख पीड़ितों में से करीब चार हजार लोग काल के गाल में गए हैं जबकि हमारे देश में 90 मामलों में से 2 मृत्यु हुई, इनमें से एक तो राजधानी दिल्ली में हुई। इसका मतलब यह है कि जो उपाय किये जा रहे हैं या जिन उपायों का ढिंढोरा पीटा जा रहा है वह अपर्याप्त हैं और दिखावा ज्यादा हैं। हम अपने यहाँ रोक नहीं पा रहे और सार्क देशों के साथ उपाय साझा कर रहे हैं। पहले अपनी सुरक्षा कीजिए, अपनी जनता को बचाइए, दुनिया की चिंता बाद में कीजिए। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तो लापरवाही की हद ही कर दी। जब उनसे पूछा गया कि मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए क्या उपाय किये गए हैं तो उनका जवाब था यहाँ तो राजनीति में ही कोरोना वायरस आया आया हुआ है, बीमारी को बाद में देखेंगे। राहुल गांधी ने भी राजनीतिक बयान दिया जो अनावश्यक था। हमारा मानना यह है कि यह एक ऐसी आपदा है जिसका राजनीति, धर्म, वर्ण, जाति सम्प्रदाय से ऊपर उठ कर मुकाबला करना होगा।

जिस तरह से घटनाएँ घटित हो रही हैं, मौतें हो रही हैं, सर्वाधिक सुरक्षित नेताओं, अभिनेताओं को भी यह बीमारी शिकार बना रही है उससे दहशत फैलना तो स्वाभाविक ही है।आप चाहे जितना कहें कि डरने की जरूरत नहीं है, डर फिर भी लग रहा है, जो संक्रमित नहीं है उन्हें भी, जो हैं उन्हें तो और भी ज्यादा है। जब से इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पेनडेमिक अर्थात सार्वदेशिक महामारी घोषित किया तब तो डर लगने ही लगा। कई देशों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। भारत में भी कई राज्यों ने इसको महामारी घोषित कर दिया है परन्तु अभी तक भारत सरकार ने नहीं किया। कीजिए न, कुछ जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी सरकार की,बढ़ने दीजिए, रोकथाम तो होगी। आगरा में एक मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए पुलिस तक बुलानी पड़ी और बाद में जबरदस्ती पीड़िता व उसके परिवार के 8 लोगों को जबरन अस्पताल ले जाया गया। आइसोलेशन को लोग जेल समझ रहे हैं।

मौसम भी ऐसा ही है जिसमें हर तीसरा व्यक्ति जुकाम,खांसी या गले के इंफेक्शन से पीड़ित है। अब सभी को तो कोरोना वायरस नहीं है न ।कोरोना वायरस उन्हें ही हो सकता है जो संक्रमित देशों की यात्रा पर गए और वापस आए और उन्हें जुकाम,खांसी या गले के इंफेक्शन की समस्या है। परँतु आम आदमी जुकाम,खांसी या गले के इंफेक्शन का इलाज कराने से कतरा रहा है कि कही गलती से भी उसको कोरोना पीड़ित न घोषित कर दिया जाये। इस तरह की भ्रांतियों का निराकरण करना होगा।

हम एक बार पुनः कह रहे हैं कि जैसे और समस्याओं के लिए हवा-हवाई बातें करके जनता को बेवकूफ बना दिया जाता है, कमसेकम कोरोना वायरस के मामले में ऐसा न किया जाए। जब चीन,अमेरिका जैसे देश इससे घबरा रहे हैं और कुछ नहीं कर पा रहे तो हम तो उनसे काफी पीछे हैं, हमें तो बहुत ज्यादा सतर्क रहना और रखना होगा। केवल आसमान छूती अट्टालिकाओं और चिमनियों से कोई देश बड़ा नहीं होता,समस्याओं के निराकरण व आपातकाल में ही उसकी प्रगति, उन्नति आँकी जाती है, चीन के मामले में अब यह सिद्ध हो गया है।

हम भी आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है।इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है।इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं।अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं. संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है।कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है। खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए।अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है। खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखें जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें। अंडे और मांस के सेवन से बचें।जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।

भारत सरकार ने भी कोरोना वायरस के लक्षण मिलने पर तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर सूचना देने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम तैयार किया गया है।फोन नंबर 011-23978046 के माध्यम से कंट्रोल रूम में संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा [email protected] पर मेलकर के भी कोरोना वायरस के लक्षणों या किसी भी तरह की आशंकाओं के बारे में जानकारी ली जा सकती है।

चीन में इस वायरस का बहुत ज्यादा असर पड़ा है. चीन और इटली से आने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें।

सर्वज्ञ शेखर

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