सप्ताहांत: ये बड़े झोलाझाप और छोटे मोहल्ला क्लीनिक
किसी भी छोटी-मोटी बीमारी के इलाज या डॉक्टरी सलाह के लिए आप किसी चिकित्सक के पास जाते हैं तो खर्चे के बारे में क्या सोचेंगे? 200-400 रुपये फीस, बाकी पर्चे पर दवाएँ लिखेंगे जो बाद में आप बाजार से ला सकते हैं, अपने बजट के अनुसार 5 दिन की या ज्यादा की। लेकिन कोई चिकित्सक बेवकूफ बना कर अपनी फीस ही ढाई हजार ले ले या तुरँत अपने नर्सिंग होम में भर्ती कर के सारे टैस्ट अपनी ही पैथोलोजी से करा ले, चाहे जरूरत है भी या नहीं तो आपको कैसा लगेगा। ऐसी एक नहीं अनेकों घटनाएँ हैं। और यदि यह मालूम हो जाए कि भुगतान बीमा कम्पनी से होगा तो फिर तो बुखार के इलाज का बिल भी 2 से 3 लाख तक जा सकता है। जो दे सकते हैं वो तो मन मार कर दे देते हैं पर जिनसे जबरन वसूली होती है वह जीवन भर कोसते ही रहते हैं। कभी कभी तो नर्सिंग होम पहुँच कर ऐसा लगता है जैसे पुलिस कस्टडी में आ गए हों जहाँ से निकलना आसान नहीं होता, वो फिल्मी डायलॉग याद आने लगता है, “यहाँ आदमी आता तो अपनी मर्ज़ी है, पर जाता है हमारी मर्जी से।” ऐसी ही घटना कल ही मेरे पास एक गरीब मजदूर ने सुनाई जो कुछ आर्थिक सहायता के लिए मेरे पास आया था, कारण जानने पर उसके पिता के इलाज में लाखों खर्च हो जाने की जो कहानी उसने रोते- रोते सुनाई वह हृदय को द्रवित करने वाली थी।
मेरे खुद के साथ ऐसी घटनाएँ कई बार हुईं हैं। कुछ कहो तो “डॉक्टर आप हैं या हम” का तुर्रा तैयार रहता है। एक डॉक्टर हैं, भले आदमी हैं, देश-विदेश में सेमिनार करते हैं, जनरल फिजिशियन हैं। अचानक एक वीडियो देखा जिसमें वह घुटने में दर्द के पीड़ित को दौड़ा रहे थे। बड़े हैं, अनुभवी हैं, पर अचानक घुटनों के भी एक्सपर्ट हो गए, मैं अपनी पत्नी के घुटनों में दर्द के इलाज के लिए उनके पास गया। पहले दर्द के कारण मुश्किल से चलते हुए वीडियो बनाया फिर हमारी अनिच्छा के बावजूद कोई घोल बना कर उनके घुटनों पर लगा दिया, फिर बोले दौड़ो, तेज चलते हुए फिर वीडियो बना लिया। ऐसा नितांत असंभव था कि असहनीय दर्द वाले घुटने तुरँत ठीक हो जाएँ जैसा कि दावा किया गया। जरूर उन्होंने सुन्न करने वाली कोई दवा लगा दी होगी। बड़े अहसान के साथ इस क्रिया के 2500 रुपए लिए और कहा ऐसी ही कुछ सिटिंग और होंगी। हाँ, तुरँत ही वह स्किन एक्सपर्ट भी बन गए और डराने लगे कि स्किन पर जो स्पॉट्स हैं बड़े खतरनाक हैं। इसका इलाज भी मैं ही कर दूंगा।
एक और नया चलन सामने आया है। लोग पूछताछ करके, प्रोफाइल और रेटिंग देखके बढ़िया से बढ़िया और महंगे डॉक्टर के पास जाते हैं, पर वहाँ पहुँच कर अपना सर पीटने लगते हैं जब पता लगता है कि बड़े डॉक्टर साहब की जगह उनकी पत्नी या छोटे डॉक्टर साहब (डॉक्टर साहब के सुपुत्र) देखेंगे। एक बार मैं अपनी दाढ़ निकलवाने के लिए अच्छे से दंत चिकित्सक के पास गया। कई सारे केबिन थे, उन्होनें मुझे जिस केबिन में रैफर किया वहाँ किसी और डॉक्टर का नाम लिखा था। पता लगा कि वह कोई जूनियर डॉक्टर हैं जो दाढ़ निकालना सीख रहे हैं। मैंने बड़ी विनम्रता से इस धोखाधड़ी का प्रतिरोध किया। (विनम्रता से न करता तो वह पुलिस बुला लेते, यह भी आजकल आम हो गया है।) तब मुख्य डॉक्टर साहब को लगा कि मेरा नकारात्मक प्रचार हो जाएगा।
ऐसी एक नहीं अनेक घटनाएँ हैं। डॉक्टर भगवान होते हैं, मरीजों को नवजीवन देते हैं, यह भी सत्य है, परँतु अब भगवान और ऐसे बड़े झोलाछापों में अँतर करना आसान हो गया है। धरती के ये भगवान ऊपर वाले भगवान से जरा सा भी डरने लग जाएं तो शायद कुछ परिवर्तन सँभव है। अपने प्रारब्ध और अगले जन्म की चिंता सभी को करनी ही चाहिए। छोटी मछली तालाब को गंदा करती है पर ऐसी बड़ी मछलियाँ समुद्र को ही गंदा करने पर तुली हुईं हैं। यही कारण है कि लोग छोटे डॉक्टरों या छोटे छोटे झोलाछापों की ओर अग्रसर हो जाते हैं। सही चिकित्सक भी बदनाम होने लगे हैं और अब हर मरीज को यह लगने लगा है कि उसे लूटा जा रहा है। ऐसी बड़ी मछलियों को रोका नहीं गया तो अब समुद्र भी गंदा होने लगेगा।
यह खुशी की बात है कि आगरा में मेयर नवीन जैन की प्रेरणा से 10 जगहों पर मोहल्ला क्लिनिक बनाए का रहे हैं, जहाँ विशेषज्ञ चिकित्सक बहुत सस्ती दरों पर इलाज करेंगे। ऐसे लोभी व धोखेबाज चिकित्सकों (जो अभी संख्या में कम हैं) का यही इलाज है।
Read in English
These big hawks and Small Mohalla clinics
If you go to a doctor for treatment of any minor disease or for medical advice, what will you think about the expenses? 200-400 rupees fee, the rest will write medicines on prescription which you can later bring from the market, according to your budget of 5 days or more. But by fooling a doctor, take only two and a half thousand of your fees or immediately get admitted to your nursing home and get all the tests done with your own pathology, whether you need it or not, how will you feel. There are not many such incidents. And if it is known that the payment will be from the insurance company, then the bill for fever treatment can also go from 2 to 3 lakh. Those who can give, they give up killing, but those who get extortion continue to curse all their lives. Sometimes when it comes to the nursing home, it seems as if the police have come to the custody where it is not easy to get out, he starts remembering the film dialogue, “Here comes the man at his own will, but he goes by our own free will.” A similar incident was narrated to me yesterday by a poor laborer who had come to me for some financial assistance, the story of his father being spent millions in treatment of his father, knowing the reason, he was crying, it was heart-wrenching. .
Such incidents have happened to me many times. If you say something, the trumpet of “Doctor is you or us” is ready. He is a doctor, a good man, conducts seminars in India and abroad, is a General Physician. Suddenly saw a video in which he was running to the victim of knee pain. I am older, experienced, but suddenly I also had knee experts, I went to my wife for treatment for her knee pain. First, due to pain, we made a video while walking hard, then despite our reluctance, made a solution and put it on his knees, then said, “Run, go fast and then make a video.” It was highly unlikely that the knee with unbearable pain would be healed immediately as claimed. They must have applied some numbing medicine. With great gratitude, I took 2500 rupees for this action and said that there will be some more such seating. Yes, immediately he also became a skin expert and started to fear that the spots on the skin are very dangerous. I will cure it too.
Another new trend has emerged. People go to the best and expensive doctor by inquiring, looking at profiles and ratings, but after reaching there, they start beating their heads when it is known that instead of the elder doctor, his wife or the younger doctor (son of doctor) will see. Once I went to the dentist to get my molar removed. There were many cabins, they wrote me the name of another doctor in the cabin in which I was referred. It turns out that he is a junior doctor who is learning to molar. I politely resisted this fraud. (If he did not do so politely, he would have called the police, this is also common nowadays.) Then the Chief Doctor felt that I would get negative publicity.
There are many such incidents. Doctors are God, they give new life to patients, this is also true, but now it has become easier to differentiate between God and such big hacks. If these Gods of the earth start to fear even a little from the God above, then some change is possible. Everyone should worry about their destiny and next life. Small fish make the pond dirty but such big fish are bent on making the sea dirty. This is the reason why people move towards small doctors or small quacks. The right doctor has also started to be infamous, and now every patient has started feeling that he is being robbed. If such big fish are not stopped, then the sea will also become dirty.
It is heartening that under the inspiration of Mayor Naveen Jain in Agra, mohalla clinics are being built in 10 places, where specialist doctors will treat them at very cheap rates. This is the treatment of such greedy and fraudulent doctors (who are still few in number).