भूल न जाना होली की ठिठोली में
रंगों की उड़ेगी बौछार
घूमेंगे हुरियारी टोली में
अबीर गुलाल की होगी बहार
होली की मस्त ठिठोली में
भीगेंगे पानी में हमसब
रंग बरसेगा चोली में
गले मिलना शिकवे मिटाना
भूल न जाना
होली की ठिठोली में
खूनी होली खेल रहे
आतंकी पड़ोस से आ के
शहीद हो रहे सपूत भारत माँ के
छाती पर गोली खा के
तोप चलाओ मिसाइल दागो
कुछ नहीं रखा वार्ता बोली में
लेना है भीषण बदला उनसे
भूल न जाना
होली की ठिठोली में
जो भी दीखे लाचार
गरीब दीन दुखियारा
सब मिल के देना उसको
थोड़ा सा सहारा
जाना विधवाश्रम, अनाथालय
कुछ डाल देना उनकी झोली में
ये भी सब अपने ही हैं
भूल न जाना
होली की ठिठोली में
रिश्ते नातों की मर्यादा
भूल न जाना
होली की ठिठोली में
– सर्वज्ञ शेखर