इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय – खैरागढ़ (छत्तीसगढ़)
जब राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) आये ही हैं तो खैरागढ़ जाना कैसे भूल सकते थे। यहाँ विश्व विख्यात इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना खैरागढ़ रियासत के 24वें राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह तथा रानी पद्मावती देवी द्वारा अपनी राजकुमारी ‘इन्दिरा’ के नाम पर उनके जन्म दिवस 14 अक्टूबर 1956 को की गई थी।
यहां ललित कलाओं के अंतर्गत गायन, वादन, नृत्य, नाट्य तथा दृश्य कलाआें की विधिवत् शिक्षा दी जाती है। इनके अतिरिक्त हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य आैर संस्कृत साहित्य विषय भी अध्ययन हेतु उपलब्ध है।
प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्क़ति एवं पुरातत्व विभाग भी इस विश्वविद्यालय का एक महत्वपूर्ण विभाग है, साथ ही साथ एक संग्रहालय जिसमें विभिन्न कालों की मूर्तियां तथा सिक्कों का संग्रहण कर प्रदर्शनार्थ रखा गया है।
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Indira Kala Sangeet University – Khairagarh (Chhattisgarh)
When Rajnandgaon (Chhattisgarh) has come, how could we forget going to Khairagarh. Here is the world renowned Indira Kala Sangeet University. It was founded on 14 October 1956 by the 24th king of the princely state of Khairagarh and Virendra Bahadur Singh and Rani Padmavati Devi on their birth day in the name of their princess ‘Indira’.
Here singing, playing, dancing, drama and visual arts are duly taught under the fine arts. Apart from these, Hindi literature, English literature and Sanskrit literature are also available for study.
The Department of Ancient Indian History and Culture and Archeology is also an important department of this university, as well as a museum in which statues and coins of various periods are collected and kept on display.