एक शाम अटल जी के नाम
प्रधान डाकघर प्रतापपुरा में साहित्य संगीत संगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ। श्री सुशील सरित के कुशल संयोजन में सुविख्यात गजल गायक सुधीर नारायण ने अटल जी के गीतों की खूबसूरत प्रस्तुति दी।
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प्रधान डाकघर प्रतापपुरा में साहित्य संगीत संगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ। श्री सुशील सरित के कुशल संयोजन में सुविख्यात गजल गायक सुधीर नारायण ने अटल जी के गीतों की खूबसूरत प्रस्तुति दी।
एक और महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व आगरा का सुविख्यात महोत्सव “ब्रज रत्नअवार्ड्स-2019” के आयोजकों इनक्रेडिबल इण्डिया फाउंडेशन ने अपने एडवाइजरी बोर्ड में मुझे Member: Board of Jury मनोनीत किया है। फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डाबर जी व महासचिव अजय शर्मा जी को हार्दिक धन्यवाद! – सर्वज्ञ शेखर
जब राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) आये ही हैं तो खैरागढ़ जाना कैसे भूल सकते थे। यहाँ विश्व विख्यात इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना खैरागढ़ रियासत के 24वें राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह तथा रानी पद्मावती देवी द्वारा अपनी राजकुमारी ‘इन्दिरा’ के नाम पर उनके जन्म दिवस 14 अक्टूबर 1956 को की गई थी। यहां ललित कलाओं के अंतर्गत गायन, वादन, नृत्य, नाट्य तथा दृश्य कलाआें की विधिवत् शिक्षा दी जाती है।
आगरा। गाजियबाद में 27 वें अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन के अवसर पर भारत सरकार,मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत ( नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया) ने 13 अक्तूबर 2019 को एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में आगरा के साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। गोष्ठी में सर्वज्ञ शेखर ने “स्वातंत्र्योत्तर हिंदी साहित्य में राष्ट्र चेतना” विषय पर अपने विचार प्रकट
हिंदी दिवस के अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर, कमला नगर आगरा में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुझे मुख्य अतिथि व निर्णायक मण्डल के सदस्य के रूप में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। विद्यालय के प्रबंधक श्री विजय गोयल जी का एतदर्थ आभार। प्रतियोगिता के विषय सामयिक व ज्वलन्त थे। मोबाइल, सोशल मीडिया, राजभाषा हिंदी, home work, peer pressure, जैसे विषयों पर विद्यार्थियों ने प्रभावी अभिव्यक्ति दी। लगभग एक हज़ार
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।। आधुनिक हिंदी साहित्य के जन्मदाता भारतेंदु हरिश्चंद्र की इन पँक्तियों के अनुरूप निज भाषा के प्रचार प्रसार व संरक्षण के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हमारा देश हिंदी दिवस का आयोजन करता है। इस अवसर पर सरकारी कार्यालयों, बैंकों, प्रतिष्ठानों
आगरा। आगरा के साहित्यकारों ने दिल्ली में एक बड़े साहित्यिक कार्यक्रम में भाग ले कर आगरा शहर का नाम रोशन किया। अवसर था राष्ट्रीय स्तर की संस्था ‘आगमन’ के सप्तम स्थापना दिवस पर आयोजित पुस्तक विमोचन, सम्मान व काव्य गोष्ठी कार्यक्रम का। नेहरू नगर स्थित डी ए वी कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में आगरा के साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर गुप्ता, अलका अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, ज्ञानेश शर्मा व शरद अग्रवाल ने
आज आगरा नगर सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की 22 वी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर रहा है। आगरा को यह गौरव प्राप्त है कि माहेश्वरी जी जैसे वरिष्ठ साहित्यकार ने यहाँ जन्म लिया और संपूर्ण देश में आगरा का नाम रोशन किया। द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी बाल गीतायन को रचकर बच्चों के गांधी के नाम से मशहूर हो गए। बाल गीतायन में उन्होंने बच्चों को 176 कविताओं का तोहफा
जिस गोष्ठी में डॉ सोम ठाकुर, श्री रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, डॉ त्रिमोहन तरल, श्री अशोक रावत, एस एस यादव जी जैसे देश विदेश में ख्यातिप्राप्त कवि, गीतकार, गज़लगो उपस्थित हों, उस महफ़िल की शाम कितनी साहित्यिक ऊंचाइयों पर होगी, इसकी कल्पना करना ही आनन्दित कर देता है। समय और मौसम की परवाह किए बिना देर शाम तक तालियों की तेज गड़गड़ाहट के बीच इन वरिष्ठ साहित्यकारों को प्रबुद्ध श्रोता सुनते
कजरारे बदरा, नभ के दामन में दमकती दामिनी, वर्षा की रिमझिम फुहारें,श्रावण गीत मल्हार,झूले, शिव-पार्वती के पूजन में मग्न षोडश श्रृंगार किए नारी समाज,बम-बम भोले करते कांवड़ धारी शिवभक्तों की टोलियां, शीतल मंद समीर के साथ हिलोरें खाती एक दूसरे से लिपटी लताएं, नव यौवनाओं के झटकते काले केशों के बीच से झांकता चाँद सा चेहरा। लगता है मस्त कामदेव धरा पर उतर आया है। यह सब किया है केवल