करुणेश जी की स्मृति सहेजेगा दिल्ली का नेहरू मेमोरियल म्यूजियम
आगरा। स्वाधीनता संग्राम सेनानी रोशनलाल गुप्त करुणेश की स्मृतियों को दिल्ली का नेहरू मेमोरियल म्यूजियम सहेजेगा।
नेहरु स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (Nehru Memorial Museum & Library (NMML)) नयी दिल्ली स्थित एक संग्रहालय एवं पुस्तकालय है। यह तीन मूर्ति भवन के प्रांगण में स्थित है। इसकी स्थापना 1964 में जवाहरलाल नेहरू के देहान्त के उपरान्त की गई। यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अन्तर्गत एक स्वायत्त संस्था है।इसका लक्ष्य है भारत के स्वतंत्रता संग्राम संजोना तथा उसका पुनर्निर्माण करना , भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के विशेष संदर्भ में आधुनिक भारत के इतिहास से संबंधित सामग्री जैसे पुस्तकें, पैम्फ्लेट, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, माइक्रोफिल्म, फोटोग्राफ, चलचित्र, श्रव्य रिकॉर्डिंग्स आदि का पुस्तकालय स्थापित करना व उसका रख-रखाव करना,गंभीर अध्ययन और अनुसंधान कार्यों के लिए जनता को उचित जगह पर अध्ययन सामग्री और पुस्तकालय संसाधनों का उपलब्ध कराना।
आज, नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी भारत के पहले प्रधान मंत्री पर दुनिया का अग्रणी संसाधन केंद्र है और इसके अभिलेखागार में महात्मा गांधी के लेखों के अलावा सी। राजगोपालाचारी, बीसी रॉय, जयप्रकाश नारायण, चरण सिंह, सरोजिनी नायडू और राजकुमारी अमृत के निजी पत्र हैं।
संग्रहालय के रिसर्च एसोसीएट डॉ संजीव गौतम व वरिष्ठ शोध सहायक नवीन कुमार ने करुणेश जी के बल्केश्वर स्थित आवास पर आ कर उनके पुत्र सर्वज्ञ शेखर व आदर्शनन्दन गुप्त से भेंट कर करुणेश जी के द्वारा स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान प्रकाशित समाचारपत्र,क्रांतिकारियों के साथ किये गए पत्र व्यवहार,उनके पुराने लेख,साहित्य आदि ऐतिहासिक सामग्री की प्रतिलिपि व पांडुलिपि एकत्र की।
स्वाधीनता आंदोलन के दौरान करुणेश जी ने अंग्रेजों की यातनाएं सही व जेल यात्रा की। 27 सितंबर 1940 को अपने दो क्रांतिकारी साथियों के साथ मिल कर आगरा में बेलनगंज चौराहे के रेल पुल से अंग्रेज कलक्टर हार्डी पर बम फेंक कर आपने तहलका मचा दिया था। हार्डी उस समय पुल के नीचे बरौलिया बिल्डिंग पर बैठकर राम बारात देख रहा था। बरौलिया बिल्डिंग व रेल का पुल अभी भी उस घटना के साक्षी हैं। इस स्थान पर प्रतिवर्ष करुणेश जी की स्मृति में होली मिलन समारोह आयोजित किया जाता है।
– सर्वज्ञ शेखर
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Nehru Memorial Museum in Delhi will Save the Memory of Karunesh Ji
Agra. The Nehru Memorial Museum in Delhi will save the memories of freedom struggle fighter Roshanlal Gupta Karunesh.
Nehru Memorial Museum & Library (NMML) is a museum and library located in New Delhi. It is located in the courtyard of Teen Murti Bhawan. It was established in 1964 after the death of Jawaharlal Nehru. It is an autonomous organization under the Ministry of Culture, Government of India. It aims to organize and rebuild India’s freedom struggle, with reference to the Indian Independence Movement with material related to the history of modern India such as books, pamphlets, newspapers, magazines, Establish and maintain a library of microfilm, photographs, movies, audio recordings, etc. Maintenance, making study material and library resources available to the public at appropriate places for serious study and research work.
Today, the Nehru Memorial Library is the world’s leading resource center on India’s first Prime Minister and in addition to Mahatma Gandhi’s articles in its archives c. Rajgopalachari, BC Roy, Jayaprakash Narayan, Charan Singh, Sarojini Naidu and Rajkumari Amrit are personal letters.
Dr. Sanjeev Gautam, Research Associate of the Museum and Senior Research Assistant Naveen Kumar came to the residence of Karunesh ji at Balkeshwar and met his son Sarvagna Shekhar and Adarshanandan Gupta, newspapers published by Karunesh ji during the freedom movement, letters made with revolutionaries Transcripts and manuscripts of historical material such as behavior, his old articles, literature etc. collected.
During the freedom movement, Karunesh Ji corrected the torture of the British and traveled to jail. On 27 September 1940, along with two of his revolutionary comrades, you created a panic by throwing a bomb on the British collector Hardy from the rail bridge of Belanganj intersection in Agra. Hardy was sitting at the Barulia Building under the bridge at that time watching the Ram procession. Barulia Building and Rail Bridge are still witnesses to that incident. Holi Milan celebrations are organized at this place every year in the memory of Karunesh Ji.
– Sarwagya Shekhar