सप्ताहांत: मनोज सिन्हा जी से मेरी पहली मुलाकात
2019 के लोकसभा चुनाव में यदि मैंने किसी प्रत्याशी के परिणाम पर सबसे ज्यादा निगाह रखी थी तो वह थे तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा। लेकिन जब परिणाम आया तो मुझे आश्चर्य मिश्रित दुख हुआ। गाजीपुर संसदीय सीट से वह भारी मतों से पराजित हुए थे। मोदी सरकार के 9 मंत्रियों में से वह अकेले ही थे जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। उस समय मेरा त्वरित ऑब्जरवेशन यही था कि वह इतना आगे बढ़ चुके थे कि भितरघात करके उनको हर वाया गया या उन्होंने अपने को जिताने के लिए किसी सीमा से अधिक जाकर कोई अतिक्रमण या या छल प्रपंच नहीं किया।
मनोज सिन्हा जी से मेरा दूर-दूर तक कोई सामाजिक, राजनीतिक, परिवारिक या किसी तरह का कोई संबंध दूर-दूर तक नहीं है। फिर भी मैं उन को जीतता हुआ क्यों देखना चाहता था, उसके पीछे एक बड़ा कारण था। उनसे अचानक हुई पहली मुलाकात में ही मैं उनसे बहुत प्रभावित हुआ था। वह बड़े नेता हैं उनके कितने फैन हैं उन्हें नहीं मालूम। लेकिन जो फैन होता है उसे सब मालूम होता है। एक ही दिन में मैंने उनकी प्रशासनिक सख्ती, समयबद्धता, सहजता मितभाषिता, व उदार दिल को पहचान लिया था जिससे मैं बहुत प्रभावित था। यही कारण है कि मनोज सिन्हा जी को जम्मू का उपराज्यपाल बनाए जाने पर मुझे बहुत खुशी हुई।
2 नवंबर 2018 को आगरा में एमएसएमई पर एक बहुत बड़ा सरकारी कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह एक बहुत बड़ा व महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रम था। जिला प्रशासन व वाणिज्य विभाग द्वारा आयोजित इस वी वी आई पी कार्यक्रम में केंद्रीय रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा, उ प्र के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, भारत सरकार वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, आगरा के मेयर, सांसद, विधायक, लीड बैंक केनरा बैंक के वरिष्ठ कार्यपालक, प्रसाशनिक अधिकारी आदि उपस्थित थे। चार घण्टे तक चले इस विशाल कार्यक्रम में पांच हज़ार से अधिक उद्यमियों व आम जनता ने भाग लिया।
कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान भवन दिल्ली से सीधे आगरा वासियों व देश की जनता को संबोधित किया।
इस विशिष्ट कार्यक्रम के #मंच #संचालन हेतु अधिकारियों ने मेरा चयन किया था और इस गुरुतर दायित्व का मैंने सफलतापूर्वक निर्वहन किया। सच्चाई यह थी कि इतने विशिष्ट और बड़े कार्यक्रम के लिए अधिकारियों को एक परिपक्व मंच संचालक ढूंढना मुश्किल हो रहा था और किसी ने जब मेरा नाम प्रस्तावित किया तो मैंने बिना किसी हिचक और भय के उसे स्वीकार कर लिया। कार्यक्रम दो बजे शुरू होना था और ठीक दो बजे केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में मनोज सिन्हा जी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे। यह देखकर मैं सन्न रह गया, क्योंकि कार्यक्रम में आने वाले और वीवीआईपी अभी तक नहीं आए थे। आते ही मनोज सिन्हा जी ने घड़ी देखी, मुझे बुलाया और बोले कार्यक्रम शुरू करो। मैंने कहा, सर, अभी और कुछ लोग आने हैं। पर वह बोले नहीं कार्यक्रम समय पर शुरू करो। मैंने स्थानीय अधिकारियों से कार्यक्रम शुरू करने की अनुमति मांगी तो वह थोड़े हिचके क्योंकि जो अन्य मुख्य अतिथि आने थे वह उत्तर प्रदेश से थे और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व अन्य सांसदों विधायकों के आए बिना कार्यक्रम शुरू होना स्थानीय अधिकारियों को बड़ा असहज लग रहा था। मुझे सिन्हा जी से कुछ भय भी लगा पर मैंने किसी तरह से स्थिति को नियंत्रण किया व कार्यक्रम बहुत अच्छी तरह चला। कार्यक्रम समाप्त होने पर जब मनोज सिन्हा जी ने मेरे कंधे पर हाथ रखकर “वेल-डन मिस्टर शेखर” कहा, तब मुझे लगा कि वह ऊपर से तो सख्त हैं लेकिन उनके दिल में बहुत उदारता है और वह हर किसी की बात को महसूस करते हैं परिस्थिति को समझते हैं।
– सर्वज्ञ शेखर
Read in English
My first meeting with Manoj Sinha Ji
If I kept an eye on the outcome of any candidate in the 2019 Lok Sabha elections, it was then Minister of State for Railways Shri Manoj Sinha. But when the result came, I was mixed with surprise. He was defeated by heavy votes from Ghazipur parliamentary seat. He was the only one of the nine ministers in the Modi government who suffered defeat. My quick observation at that time was that he had advanced so much that he was beaten up every time or he did not go over any limit to win himself and did not commit any encroachment or deceit.
I have no social, political, family or any kind of connection with Manoj Sinha Ji. Still there was a big reason behind why I wanted to see them win. I was very impressed with him in my first meeting with him suddenly. He is a great leader and does not know how many fans he has. But everyone who is a fan knows it. In a single day, I recognized his administrative rigor, punctuality, easy-going interpretiveness, and generous heart, which I was very impressed by. That is why I was very happy when Manoj Sinha Ji was appointed as the Lieutenant Governor of Jammu.
On 2 November 2018, a very large government program was organized on MSME in Agra. This was a very large and important government program. In this VVIP program organized by District Administration and Commerce Department, Union Minister of State for Railways Shri Manoj Sinha, Deputy Chief Minister of UP Dr. Dinesh Sharma, Senior Government of India Ministry of Finance, Mayor of Agra, MP, MLA, Lead Bank Canara Bank Senior executives, administrative officers etc. were present. More than five thousand entrepreneurs and general public participated in this huge program lasting for four hours.
The specialty of the program was that the Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi addressed the residents and people of Agra directly from Vigyan Bhawan Delhi.
I was selected by the officials to run the Manch of this specific program and I successfully discharged this guruship. The truth was that the authorities were finding it difficult to find a mature stage operator for such a specific and large event, and when someone proposed my name, I accepted it without any hesitation and fear. The program was to begin at two o’clock and Shri Manoj Sinha as the representative of the center was present at the venue at exactly two o’clock. I was stunned to see this, because the VVIPs and the programmers had not come yet. As soon as Manoj Sinha Ji saw the clock, called me and said start the program. I said, Sir, some more people are yet to come. But he did not say start the program on time. When I asked permission from the local authorities to start the program, they hesitated a little because the other chief guests who were to come were from Uttar Pradesh and it was very uncomfortable for the local officials to start the program without the Deputy Chief Minister and other MPs from Uttar Pradesh. I also got some fear from Sinha Ji but somehow I controlled the situation and the program ran very well. At the end of the program, when Manoj Sinha Ji put his hand on my shoulder and said “Well-done Mr. Shekhar”, I felt that he is tough from above but he has a lot of generosity in his heart and he feels everyone’s point Understand the situation.
– Sarwagya Shekhar