सप्ताहांत: ये बड़े झोलाझाप और छोटे मोहल्ला क्लीनिक

किसी भी छोटी-मोटी बीमारी के इलाज या डॉक्टरी सलाह के लिए आप किसी चिकित्सक के पास जाते हैं तो खर्चे के बारे में क्या सोचेंगे? 200-400 रुपये फीस, बाकी पर्चे पर दवाएँ लिखेंगे जो बाद में आप बाजार से ला सकते हैं, अपने बजट के अनुसार 5 दिन की या ज्यादा की। लेकिन कोई चिकित्सक बेवकूफ बना कर अपनी फीस ही ढाई हजार ले ले या तुरँत अपने नर्सिंग होम

सप्ताहांत: चुनाव प्रचार में बदजुबानी कैसे रुके

दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए कल मतदान पूरा हो चुका है, 11 फरवरी को परिणाम भी आ जाएंगे। परँतु हर चुनाव की भाँति इन चुनावों में भी आरोप-प्रत्यारोप और बदजुबानी पराकाष्ठा पर रही। जूते मारो, गोली मारो, हिंदुस्तान-पाकिस्तान, करंट लगाओ से ले कर प्रधानमंत्री को डंडा मारो तक बात पहुँच गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी सभा में प्रधानमंत्री के लिए जिस भाषा, लहजे और शब्दों का प्रयोग किया

क्यों मनाते हैं वेलेंटाइन डे?

आज से वेलेंटाइन वीक आरंभ हो रहा है। प्रेम और मोहब्बत की प्रतीक ताजनगरी आगरा में भी आज से 14 फरवरी तक प्यार के इज़हार के 7 दिवसीय उत्सव मनाने की तैयारियाँ पूरी हो गईं हैं। दूकानों पर गुलदस्ते, विभिन्न प्रकार के आकर्षक उपहार,बधाई कार्ड सज गए हैं।विदेश व देश के भिन्न भिन्न भागों से ताजमहल के साये में वेलेंटाइन डे मनाने के लिए पर्यटक आगरा आना शुरू हो गए

ब्रज में 40 दिन के होली उत्सव की धूम शुरू: जानिए कब कब क्या होगा

चालीस दिन तक चलने वाला ब्रज होली महोत्सव शुरू हो चुका है। इसी के साथ होली के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए देश और दुनिया से श्रद्धालु मथुरा पहुंचने लगे हैं। ब्रज में बसंत पंचमी पर होली का ढांडा गढ़ने के साथ ही ब्रज के लगभग सभी मंदिरों में होली महोत्सव की शुरुआत हो जाती है। बरसाना में होने वाली विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली के बारे में कौन नहीं

आगरा में पर्यावरण जागरण की एक अनूठी पहल

शादी कार्ड जो पौधा बन जाएगा आगरा। शादी के निमंत्रण पत्र कार्ड प्रायः लोग कार्यक्रम के उपराँत फेंक देते है। परंतु आगरा के एक परिवार ने अपने सदस्य की शादी में अनूठी पहल की है जिससे कार्ड को फेंकने की आवश्यकता तो होगी ही नहीं वरन उसका बाद में उपयोग भी हो सकेगा। स्वाधीनता सेनानी करुणेश परिवार के पुत्र सहित्यसाधक सर्वज्ञ शेखर के अनुसार यह कार्ड उनके भतीजे अभिनन्दन (पुत्र

26 जनवरी को क्या करेंगे, तिरँगा झंडा फहरायेंगे या करेंगे ध्वजारोहण?

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर तिरँगा झंडा फहराने की तैयारियाँ पूरी हो गईं हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा फहराने में क्या अंतर होता है। संविधान के मुताबिक, देश में कोई भी व्यक्ति कभी भी, कहीं भी राष्ट्रीय ध्वज बिना किसी दबाव के राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस ऐसे दो उत्सव हैं, जब पूरा देश

त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र?

भारत में तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं, गाँधी जयंती, स्वतँत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस। 26 जनवरी को सारा राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। मैं शुरू से ही इस बात का पक्षधर हूँ कि राष्ट्रीय पर्वों पर अपने गौरवशाली इतिहास को याद किया जाए, अच्छे माहौल में धूमधाम से मनाया जाए जैसे हम धार्मिक पर्वों व अपने व्यक्तिगत दिवस मनाते हैं। परँतु आज आए एक समाचार ने सारे उत्साह

सप्ताहांत: सेल्फ गोल-लापरवाही

स्वराज्य टाइम्स ईरान ने अपनी इस गलती को मान लिया है कि यूक्रेन के जिस विमान में विस्फोट से 176 यात्रियों की मौत हो गई थी वह उस की ही गलती से क्रेश हुआ था। ईरान की मिसाइल ने ही ईरान के विमान को भूल से मार गिराया। ईरान ने बड़ी आसानी से इसे भूल कह दिया, लेकिन 176 निर्दोष लोगों की जान क्या इतनी सस्ती है कि केवल ‘भूल’

सप्ताहांत: ऐसी खुशी किस काम की

एक जनवरी को सुबह जब घर के दरवाजे को खोला तो सामने गोमाता अपने बछड़े के साथ खड़ी दिखाई दे गई।गोमाता के प्रातःकालीन दर्शन, वह भी नव वर्ष के पहले दिन, मन मस्तिष्क में अपार खुशी का संचार हो गया।इतनी प्रसन्नता हुई जैसे सारे संसार के सुख मिल गए हों। यह सत्य घटना है और इसका वर्णन केवल इस बात को रेखांकित करने के लिए किया है कि खुशी बाहर

नव वर्ष तुम आ तो रहे हो…

नव वर्ष तुम आ तो रहे होक्या क्या नया लाओगे संग,क्या बदलोगे दशा देश कीदे नई खुशियाँ और उमँग। बदलेगा पञ्चाङ्ग कलेंडरदिनांक आएगा बस नया,नया नहीं हुआ कुछ भी तोफिर कैसे नव वर्ष हो गया। चंदा सूरज वही रहेंगेतारों में वो ही टिमटिम,वही सुहाना मौसम होगावारिश होगी वही रिमझिम। पतझड़ होगा फूल खिलेंगेपुष्पित पल्लवित चमन रहेंगे,मधुमास की मादक मस्तीझूम-झूम भँवरे झूमेंगे। उसी दिशा में प्रवाहित होगीकलकल निनादिनी की धारा,मन्दिर मस्ज़िद

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