रंगों में सब से पावन रंग तिरंगा
रंगों का त्योहार है होली, अजब- गजब हैं इसके रंग,
हर रंग की है अलग कहानी, सुनो आज आप मेरे संग ।
धूमधाम से पर्व मनाओ, लगाओ रंग नीला पीला लाल,
मस्तक पर हो चंदन सुरभित, रंगों से सजे हों गाल।
श्वेत रंग है प्रतीक शांति का, इस रंग से सब रंग जाओ,
गले मिलो प्रेम प्यार से, झगड़े पुराने भूल जाओ।
लाल रंग है जोश प्रेम का, पीले से मिलती नव ऊर्जा,
नारंगी से बढ़ता पराक्रम, गेरुआ से हो धर्म की पूजा।
नीला रंग है नील गगन का, हरे से होती हरियाली,
गुलाबी रंग है रोमांस का, सारी दुनिया मतवाली।
काले रंग को पोत दो, दुश्मनों के गाल पर,
केसरिया चंदन को मल दो, सैनिकों के भाल पर।
मेरा रंग दे वसंती चोला, गाकर बाजी लगा दी जान की,
इंद्रधनुषी रंगों सी चमके, छवि मेरे हिंदुस्तान की।
सबसे पावन रंग तिरंगा, लहर लहर लहरा दो,
आसमान को छू ले, इतना ऊँचा फहरा दो।
अरे,प्रेम का रंग रह गया, फागुन का असली रंग रंगोली।
यह रंग चढ़ जाए तो खेले, जेठ बहू के संग होली।
यह है सारे रंगों की महिमा, रंग ही हैं जीवन की धारा,
बाहर निकलो बेरंगी दुनिया से, फिर देखो रंगीन नज़ारा।
– सर्वज्ञ शेखर