धारा 370 को हटाना क्यों आवश्यक है…
आज राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने का बिल प्रस्तुत कर दिया है। दोनों सदनों में जो स्थिति है उसके अनुसार यह बिल पास हो ही जायेगा और इस अनावश्यक व विवादास्पद धारा का अंत होना निश्चित है। निश्चित रूप से यह स्वागतयोग्य कदम है।
पुलवामा की दुर्भाग्यपूर्ण व दुखद घटना के उपरांत जनता में जो आक्रोश उमड़ा उनमें से एक मांग कश्मीर की धारा 370 को समाप्त करने की थी। केंद्र शाषित भाजपा इसी विचारधारा की पोषक रही है और राज्यपाल पद पर आसीन होते हुए भी कल्याण सिंह ने धारा 370 को हटाने की अपील की। चूंकि केंद्र में भाजपा सरकार है और कश्मीर में भी केंद्र का शासन है, इसलिए भी सरकार से अपेक्षा पहले भी थी और अब वर्तमान हालात में और मुखर हो गई थी।
धारा 370 के कुछ प्रावधान इस प्रकार हैं…
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
- जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।
- जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।
- उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
- संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
- जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई (RTI) और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते है।
- कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
- कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
- कश्मीर में अल्पसंख्यकों [हिन्दू-सिख] को 16% आरक्षण नहीं मिलता।
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
- धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।
यह सत्य है कि धारा 370 के अनेक प्रावधान तो अत्यंत आपत्ति जनक हैं और उनका फायदा उठा कर कश्मीरी लोग आतंकवादियों का और पाकिस्तान खुलकर समर्थन करते हैं। इनमें से एक है कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कश्मीर में अपराध नही है। यही कारण है कि वहां खुलेआम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होता है। इसी प्रकार से अलग झंडा और दोहरी नागरिकता, पाकिस्तानी नागरिकता जैसे कुछ प्रावधान भी बहुत गलत हैं।
धारा 370 क्यों बनी, किसने बनाई, उस समय क्या परिस्थितियां थीं, इस पर विवाद और राजनीति हो सकती है परन्तु इस विवादास्पद धारा को हटाने का अब समय आ गया है। जनता की इस मांग को मान कर सरकार ने स्वागतयोग्य कदम उठाया है।
– सर्वज्ञ शेखर