बाल दिवस के अवसर पर विशेष: मेरे अंदर का बच्चा जागा
प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक बच्चा होता है, उसे यदि जाग्रत रखा जाए तो जीवन एक बच्चे की भांति निश्छल और सच्चा हो सकता है। इस अवसर पर एक रचना प्रस्तुत है – ??????? मेरे अंदर का बच्चा जागा ??????? घर से बाहर निकला ही थाएक छोटा बच्चा पास आया,नन्हे हाथों से रंग-बिरंगेगुब्बारों का झुंड दिखाया। कातरता से देखा मुझकोबोला हाथ पकड़ कर,गुब्बारे ले लो बाबू जीकरो कृपा मेरे ऊपर।