वो भूली सी याद आई है
जिस गोष्ठी में डॉ सोम ठाकुर, श्री रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, डॉ त्रिमोहन तरल, श्री अशोक रावत, एस एस यादव जी जैसे देश विदेश में ख्यातिप्राप्त कवि, गीतकार, गज़लगो उपस्थित हों, उस महफ़िल की शाम कितनी साहित्यिक ऊंचाइयों पर होगी, इसकी कल्पना करना ही आनन्दित कर देता है। समय और मौसम की परवाह किए बिना देर शाम तक तालियों की तेज गड़गड़ाहट के बीच इन वरिष्ठ साहित्यकारों को प्रबुद्ध श्रोता सुनते