सप्ताहांत: तेरा दुख और मेरा दुख
अभी कुछ दिनों पूर्व एक पत्रकार साथी का कोरोना बीमारी के कारण दुःखद निधन हो गया था। मैंने उनको श्रद्धांजलि देते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी कि “आज मैं बहुत दुखी हूं।” मेरी पोस्ट को पढ़कर मेंरे एक साथी फोन आया कि कोरोना से सैकड़ों लोग रोज मर रहे हैं, आपने कभी दुख व्यक्त नहीं किया पर आज आप ज्यादा दुखी क्यों हैं? यह एक ऐसा सवाल था