नव वर्ष तुम आ तो रहे हो…
नव वर्ष तुम आ तो रहे होक्या क्या नया लाओगे संग,क्या बदलोगे दशा देश कीदे नई खुशियाँ और उमँग। बदलेगा पञ्चाङ्ग कलेंडरदिनांक आएगा बस नया,नया नहीं हुआ कुछ भी तोफिर कैसे नव वर्ष हो गया। चंदा सूरज वही रहेंगेतारों में वो ही टिमटिम,वही सुहाना मौसम होगावारिश होगी वही रिमझिम। पतझड़ होगा फूल खिलेंगेपुष्पित पल्लवित चमन रहेंगे,मधुमास की मादक मस्तीझूम-झूम भँवरे झूमेंगे। उसी दिशा में प्रवाहित होगीकलकल निनादिनी की धारा,मन्दिर मस्ज़िद