सप्ताहांत: योग, गौरव और नमन का दिन
यह सप्ताह बहुत गहमागहमी भरा और अनेक घटनाओं से परिपूर्ण रहा। सप्ताह के प्रारंभ में फिल्म अभिनेता सुशांत की विषम परिस्थितियों में आत्महत्या, फिर भारत चीन सीमा विवाद में हमारे बीस वीर जवानों की शहादत इस सप्ताह की प्रमुख घटनाएँ रहे ।इसके अतिरिक्त आज रविवार को योग दिवस, मित्र दिवस व इस साल का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण दिवस है। इस प्रकार यह सप्ताह दुख, शोक, गौरव, नमन, हवन पूजन का सप्ताह है।
चीन ने धोखे से आक्रमण करके हमारे बीस रणबांकुरे जवानों को शहीद कर दिया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से सारा राष्ट्र शोक संतप्त है, वीरों की शहादत पर दुखी है लेकिन अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीदों के प्राण त्यागने की भावना को उनके गौरव को सारा देश नमन भी कर रहा है। हम भी शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सभी से निवेदन है कि चीन और सारे संसार के सामने अपनी एकता अखंडता का प्रदर्शन करें। हमारे किसी भी कथन व कृत्य से कोई गलत संदेश न जाए, विपक्ष के नेता इस बात का ध्यान रखें। बहुत सी सूचनाएँ संवेदनशील होती हैं, उन्हें सरकार से न मांगें न सार्वजनिक करें। सत्ता पक्ष भी अपनी कमजोरी या लापरवाही छिपाने के लिए सेना को ढाल बनाना छोड़ें। सेना और सरकार में अंतर तो करना ही होगा। सरकार से सवाल पूछने का मतलब सेना पर सवाल उठाना नहीं है। सेना पर सब को भरोसा है, पर उतना ही भरोसा सबको सरकार पर भी हो, यह जरूरी नहीं है। हर आपदा में अवसर ढूंढने की आदत वालों से निवेदन है कि इस आपदा में कोई अवसर न ढूंढें, चीन को सबक सिखाने और उसका दंभ चूर करने के उपाय खोजने का प्रयास करें।
सुशांत ने अपनी जान देकर न जाने कितने लोगों की जान में जान डाल दी है और अब बहुत सारी ऐसी जानकारियाँ छन-छन कर आ रही हैं जो फिल्म व संगीत के क्षेत्र में व्याप्त गुंडागर्दी को दर्शा रही हैं और यह दिखा रही हैं की माया नगरी की चकाचौंध के पीछे जितना घना अंधेरा है उसका सामना हर कोई आसानी से नहीं कर सकता।
जहाँ तक योग दिवस का संबंध है, अनलॉक-1 में भी कोविड-19 की जो दिशानिर्देश लागू है उनके कारण आप सभी से निवेदन है कि अपने अपने घरों पर ही योग करें और डिस्टेंस आदि के जो निर्देश हैं उनका अनुपालन करें।
आज पितृ-दिवस भी है। पिता जीवन का आधार होते हैं, पिता अपने बच्चों में सुख साहस और संयम का संचार करते हैं। पितृ दिवस पर मैं अपने पूज्य पिता व सारे पिताओं को नमन करता हूं। पिता एक ऐसा वृक्ष है जो हमेशा छांव देता है। पिता ऐसा नीम का वृक्ष है जो कड़वा तो लगता है लेकिन उसके फायदे बहुत हैं।
आज सूर्य ग्रहण दिवस भी है। सूर्य ग्रहण के बारे में ज्योतिषियों पंडितों वह आचार्यों ने जो दिशा निर्देश बताए हैं, जो करना है और जो न करना है उनका अनुपालन करें तो सभी के हित में रहेगा। आज हवन करें पूजन करें और अपने घरों में रहकर ही सूर्य नमस्कार करें। वैसे भी आज योग दिवस है। आज आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो सूर्य देवता को ग्रहण के दौरान नमन भी होगा, पूजन भी होगा और योग दिवस की एक क्रिया भी आप पूर्ण कर सकते हैं। आज अस्वस्थता, कंधे में दर्द के कारण लेख लिखने में मेरे को असुविधा हो रही है। बड़ी मुश्किल से वॉइस टाइपिंग की है, वाइस टाइपिंग में करेक्शन बहुत करने होते हैं, कभी -कभी ब्लंडर हो जाते हैं और वह भूल से ओझल हों जाएं तो बड़ी असहज स्थिति का सामना करना होता है। जैसे मैं जब भी संस्थान संगम वॉइस टाइप करता हूँ, तो श्मशान संगम टाइप हो जाता है। इसके अलावा आप लगातार बोलते जा रहे हैं, थोड़ी देर बाद पता लगा कि कुछ भी टाइप नहीं हुआ। इसलिए आज मन भी नहीं था।
लेकिन मुझे याद आया कि बैंक की सर्विस के दौरान एक बार मुझे मेरे मंडल प्रबंधक ने अपने दौरे पर अपने साथ चलने के लिए कहा तो मैंने कुछ अस्वस्थता के कारण उनके साथ जाने से मना कर दिया। जीवन में बहुत से मित्र ऐसे होते हैं जो आपको हाथ पकड़कर चलना सिखाते हैं और जहां भी आप गलती करते हैं तुरंत उसको सुधार करते हैं वही सच्चे मित्र हैं। तो मेरे ऐसे ही एक मित्र ने समझाया मुझे कि इस बार तो कोई बात नहीं है लेकिन यदि अगली बार वह आपको साथ चलने के लिए कहें तो कुछ भी हो आप मना नहीं करना। जीवन में बीमारियां, पारिवारिक समस्याएँ तो लगी रहती हैं लेकिन अवसर बार-बार नहीं आते। यदि आप इस प्रकार मना करेंगे तो वह अगली बार से आपसे कहना बंद कर देंगे, किसी और को साथ ले जाएंगे और जो आपको अवसर मिला है उन्नति का, एक वरिष्ठ अधिकारी का सानिध्य प्राप्त करने का, वह मिलना बंद हो जाएगा। तब से यह बात ध्यान रखता हूँ कि जब तक कोई बहुत ज्यादा विषम परिस्थिति न हो अपने कार्यकलापों को जारी रखना चाहिए। अभी लॉक डाउन के बाद जो अनलॉक हुआ उसमें यह व्यवस्था की गई कि एक दिन एक तरफ की दुकान खुलेगी दूसरे दिन दूसरी तरफ की दुकान खुलेगी। इस प्रक्रिया से दुकानदार सहमत नहीं थे। क्योंकि वह जानते हैं कि अगर हमारा ग्राहक एक दूसरी दुकान पर चला गया तो वह दुकानदार अवसर का लाभ उठा लेगा और वह हमारे पास नहीं लौटेगा। अवसर को कभी ना छोडे, अवसर का दरवाजा हमेशा खटखटाते रहें, सफलता आपके साथ रहेगी जीवन ऐसे ही चलता रहेगा।
नई तकनीक से पहली बार लिखा लेख प्रस्तुत है।
चरैवेति! चरैवेति!
– सर्वज्ञ शेखर
Read in English
Day of Yoga, Pride and Naman
This week was very loud and full of many events. Film actor Sushant’s suicide in odd circumstances at the beginning of the week, then the martyrdom of our twenty brave soldiers in the Indo-China border dispute were the major events of the week. Besides, Yoga Day on Sunday, Friends Day and the first and last solar eclipse of this year. It is day. Thus, this week is a week of sorrow, mourning, pride, salutation, and havan pujan.
China by deceit invaded and killed our twenty warriors. The entire nation is mourned by this unfortunate incident, saddened by the martyrdom of the heroes, but the whole country is bowing down their pride to the spirit of martyrdom while protecting their motherland. We also pay our respects to the martyrs. Everyone is requested to demonstrate their unity and integrity in front of China and the whole world. Do not let any of our statements and actions send a wrong message, the leader of the opposition should keep this in mind. Many information are sensitive, do not ask for public information from the government. The ruling parties should leave the army shield to hide their weakness or carelessness. You have to differentiate between army and government. Questioning the government does not mean questioning the army. Everyone has faith in the army, but everyone should have as much trust in the government, it is not necessary. People in the habit of finding opportunities in every disaster are requested not to find any opportunity in this disaster, try to teach China a lesson and find ways to break it.
Sushant has killed many people by giving up his life and now many such information is being shattered which is showing the goondaism prevalent in the field of film and music and showing that Maya Nagri Not everyone can easily cope with the dark darkness behind the glare.
As far as Yoga Day is concerned, due to the guidelines applicable to Kovid-19 in Unlock-1, you are requested to do yoga at your own homes and follow the instructions of distance etc.
Today is also Father’s Day. Father is the basis of life, father brings happiness, courage and self-control in his children. On Father’s Day, I bow to my revered father and all the fathers. The father is a tree that always gives shade. The father is a neem tree which seems bitter but has many benefits.
Today is also the solar eclipse day. The instructions given by astrologers and pundits about the solar eclipse, if they follow the guidelines, what to do and what not to do, will be in everyone’s interest. Worship Havan today and do Surya Namaskar only while staying in your homes. Anyway, today is Yoga Day. Today, if you salute the sun, the sun god will also be bowed during the eclipse, will also be worshiped and you can also complete one activity on the yoga day. Today, due to illness, shoulder pain, I am having trouble writing articles. Voice typing is very difficult, voice typing takes a lot of corrections, sometimes it becomes blundered and if you forget it accidentally, then you have to face a very uncomfortable situation. Like whenever I type an institution sangam voice, the cremation sangam gets typed. Apart from this, you are constantly speaking, after a while it was found out that nothing was typed. Therefore, today I did not have any mind.
But I remembered that once during the service of the bank I was asked by my Divisional Manager to accompany me on my tour, then I refused to accompany him due to some ill-health. There are many friends in life who teach you to hold hands and correct them wherever you make mistakes, they are true friends. So one such friend of mine explained to me that this time there is nothing but if next time he asks you to walk with him, then you should not refuse anything. There are diseases, family problems in life, but opportunities do not come again and again. If you refuse in this way, then he will stop asking you the next time, take someone else along and the opportunity you have to progress, to get a senior officer’s will, that will stop. Since then, I keep in mind that unless there is a very odd situation, my activities should continue. What was unlocked after the lock down, it was arranged that one day the shop would open on the other day. Shopkeepers did not agree with this process. Because he knows that if our customer moved to another shop, that shopkeeper would take advantage of the opportunity and would not return to us. Never leave an opportunity, always knock on the door of opportunity, success will be with you, life will continue like this.
The first written article is presented with new technology.
Charaiveti! Charaiveti!
– Sarwagya Shekhar